स्वाभाविक आनंद!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाभाविक आनंद – Svaabhaavika Aanamda. Supreme natural bliss, supreme pleasure. निश्चत मोक्षमार्ग के अनेक नामो मे एक नाम, समस्त विकल्पो से रहित परम समाधि से उत्पन्न होने वाला सुख।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाभाविक आनंद – Svaabhaavika Aanamda. Supreme natural bliss, supreme pleasure. निश्चत मोक्षमार्ग के अनेक नामो मे एक नाम, समस्त विकल्पो से रहित परम समाधि से उत्पन्न होने वाला सुख।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकल प्रत्यक्ष – Sakala Pratyaksha. The supreme knowledge or omniscience. पारमार्थिक प्रत्यक्ष के दो भेदों में एक भेद; केवलज्ञान सकल प्रत्यक्ष है क्योकिं वह त्रिकाल विषयक समस्त पदार्थों को विषय करने वाला है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साक्षर शब्द – Sakshara Sabda. Syllabary language. मनुष्यों की भाषा साक्षरी तथा पशु-पक्षियो की निरक्षरी होती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांतर बंधी प्रकृति – Saantara Bandhee Prakrti. A karmic nature with having property of its anhihilation (to put out of existence of one Gati for another). जिस कर्म प्रकृति का काल के क्षय से बन्ध व्युच्छेद संभव है वह सांतरबंधी प्रकृति है। अर्थात् जहां किसी समय देवगति का बंध हो और किसी समय अन्य…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतवन – Bhutavana. Name of a forest whers Shreepal announced himself to be Chakravarti (emperor). एक वन, जहाँ श्रीपाल ने ७ शिलाखण्डों को एक के ऊपर एक रखकर स्वयं चक्रवर्ती होने की सूचना दी थी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिषेधरुप हेतु- हेतु का एक भेद; इस स्थान पर षीत नहीं है क्योंकि उश्णता मौजूद है, इस प्राणी में सुख नही है क्योंकि सुख से विरुद्ध दुःख मौजूद है, इत्यादि। pratisedharupa hetu – a cause pertaining to negative sense
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदेश परिस्पंद- आत्म प्रदेषें में योगों के माध्यम से हलन चलन होना। pradesa parispamda – vibration in soul spaces
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचन- श्रुतज्ञान का अपरनाम, जिनवाणी, प्रकृश्ट वचन, पिषाच व्यंतरों का 14 वां भेद। Pravacana- sermons, preachings, exposition, a type of peripatetic deities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रथमोपषम सम्यग्दर्शन – देखें- प्रथमोपषम सम्यक्त्व। prathamopasama samyagdarsana- see (prathamopasama samyaktva)