गतिभ्रमण काल!
गतिभ्रमण काल Wandering period of five sensed beings (reg. body forms). पंचेंद्रियों में कुल परिभ्रमणकाल पूर्वकोटि प्रथक्त्व अधिक १००० सागर प्रमाण हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गतिभ्रमण काल Wandering period of five sensed beings (reg. body forms). पंचेंद्रियों में कुल परिभ्रमणकाल पूर्वकोटि प्रथक्त्व अधिक १००० सागर प्रमाण हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शासन देव – Shaasana Dieva. Ruling deities of 24 tirthankars. चौबीस तीर्थंकर भगवंतों के चौबीस शासन देव ” तिलोयण्णत्ति के अनुसार ये सभी शासन देव संबंधित तीर्थंकरों के समवसरण में रहते हैं अतः ये सम्यग्दृष्टि होते हैं” आचार्य पूज्यवाद स्वामी ने इनके लिए अर्ध्य बनाए हैं एवं अनेक प्राचीन ग्रंथों में इनके अर्ध्य के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय भोक्ता भोग्यभाव – Nishchaya Bhoktaa Bhogyabhaava. Absolute consuption of self (self engrossment). शुद्धात्मा ही भोग्य अर्थात अनुभव करने योग्य है तथा शुद्धात्मा ही भोक्ता अर्थात् अनुभव करने वाला है, ऐसा निश्चय कर में स्थिर हो जाना ” यह मुनि अवस्था में ही घटित होता है “
गणपोषण काल Nurturing period of disciples under Acharyas. दीक्षादी ६ कालों का एक भेद; आचार्य का निश्चय व्यवहार काल में स्थित होक्जर शिष्यागणों का पोषण करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांत्यष्टक –Shantyshtka. A spiritual hymn written by Acharya Pujyapad. आचार्य पूज्यपाद (ई.श. 5) द्वारा रचित संस्कृत शांतिभक्ति के प्रारंभिक 8 श्लोक “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयज्ञान – Nishchayagyaana. Absolute or right knowledge of self. सम्यक् व निर्विकल्प अपने स्वरूप को वेदन करना निश्चय ज्ञान है ” यह मुनि अवस्था में ही होता है “
उभयानंत An infraction of repentance (bilaterally). लोक के मध्य में आकाश प्रदेश की पंक्ति को दो दिशाओं में देखने पर उनका अंत नहीं पाया जाता है इसलिये उसे उभयानंत कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोहिताक्ष –Lohitaksha.: Name of the summits situated at-Gandhamadan vijayardh,Manushottar & Ruchak mountains,The 24th Patal(layer) of Saudharma-Eshan heavens. गंधमादन विजयार्ध पर्वतस्थ एक कूट ,मानुषोत्तर पर्वत का एक कूट ,रुचक पर्वतस्थ एक कूट ,सौधर्म –एशान स्वर्गों का 24 वां पटल “