दिशामंत्य!
दिशामंत्य Another name of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत का अपरनाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दिशामंत्य Another name of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत का अपरनाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुरजमध्य व्रत–Murajamadhya Vrat. A particular type of vow or fasting. क्रमशः 5,4,3,2,2,3,4,5 इस प्रकार के 28 उपवास करना बीच के सभी खली स्थानों में एक–एक करके 8 पारणाए करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति क्षय -Sthitiksaya. Destruction of Karmic statesकर्मों की स्थिति का धात होना।
देयद्रव्य Matters to be added into Nishek and Krishti (specific Karmic aggregate). देने योग्य पदार्थ (व्यवहारिक अर्थ) जो द्रव्य निषेकों व कृष्टियों आदि में जोड़ा जाता है, उसे देय द्रव्य कहते हैं। (सैद्धान्तिक अर्थ)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चैत्यद्रुम A type of divinely trees having idols of Lord Arihant in Samavasaran. चैत्यवृक्ष , जो समवशरण एवं देवों के भवन के अकृत्रिम मंदिरों में होते हैं , इनके मूलभाग में जिनप्रतिमाएं विराजमान रहती हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थानांग – Sthaanaamga. A part of scriptural knowledge (Dvadshang shrut).द्वादषंग श्रुत स्कंध का तीसरा अंग। इसमे 42000 पदो मे जीव के 10 स्थानो का वर्णन है।
दृष्टिभेद Differences in view or vision. विचारों में या दृष्टिकोण में भेद, या अंतर होना ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चरमशरीरी Beings to be salvated in the same birth. मोक्षगामी जीव; उसी भव से मोक्ष जाने वाला ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्त्वाचरण – Samyaktvaacharana. Right faith with auspicious activities. सच्चे देव, शास्त्र व गुरु की पूजा भक्ति आदि करना। सम्यकत्व के साथ पुण्यमयी आचरण को चारित्रपाहड़ मे सम्यक्त्वाचरण के नाम से कहा है। इसको देशमय रुप चारित्र नही समझना चाहिए।
दुष्प्रयुक्त निक्षेप Involvement in wicked and vicious activities. अजीवाधिकरण का एक भेद मन वचन काय की दुष्टता पूर्वक प्रवृत्ति करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]