आरोहक!
आरोहक One who climbs. चढ़ने वाले।उपशम श्रेणी पर चढ़ने वाले एंव वे देव जो वृषभ आदि बने हुए आभियोग्य जाति के देवों पर सवारी करते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आरोहक One who climbs. चढ़ने वाले।उपशम श्रेणी पर चढ़ने वाले एंव वे देव जो वृषभ आदि बने हुए आभियोग्य जाति के देवों पर सवारी करते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रिकापुरी – Bhadrikapuri. Name of the birth place of Lord Shitalnath. दसवें तीर्थकर शीतलनाथ भगवान् की जन्म नगरी का नाम ” इसको भद्दलपुर, भद्रपुरी, भद्रलपुर एंव भदिृलपुर भी कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच इंद्रिय – Panch Indriya. Five sense organs (body, toung, nose, eyes & ears). स्पर्शन, रसना, घ्राण, चक्षु व श्रोत “
आठ शुद्धी Eight particular kinds of purity related to mind, speech, body, food etc. मन, वचन की शुद्धि, आहार की शुद्धि, ईर्यापथ शुद्धि, व्युत्सर्ग शुद्धि, शयनासन शुद्धि, और विनयशुद्धि ये 8 शुद्धियाँ हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशुध्दमती (आर्यिका) – Vishuddhamati (Aryika). 1. Name of an Aryika, the disciple of Acharya shri Shivsagar Maharaj oa the tradition of Charitra Shri Shantisagar ji Maharaj. 2. Name of a Ganini Aryika, the disciple of Acharya Nirmalsagar (chhani). 1. चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज की परम्परा के द्वितीय पट्टाचार्य श्री…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बालाचार्य – Balacarya. A designation of aJaina saint (to whom the re- sponsibility of saint group is entrusted). संघाघिपती आचार्य ने जिस शिष्य को अपना पद सोंपा हो और आचार्य के समान जिसका गुणसमुदायहो, वे संघाघिपती आचार्य की समाघि होने से पूर्व तक बालाचार्य कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूत्र – Sutra. Origin, formulae, a source (of information), a precept, A type of code regulating conduct & behaviour, A type of scriptural knowledge. जो अल्प अक्षरों से संयुक्त है, सन्देह से रहित है, परमार्थ सहित है एवं जो ग्रन्थ, तन्तु और व्यवस्था इन तीन अर्थो को भेले प्रकार से सूचित करता है उस…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पीठ – Pitha. Back of the body, Throne, a seat, Name of the 10th Rudra. हिन्दी भाषा में शरीर के पृष्ट भाग व संस्कृत भाषा में आसन, सिंहासन को पीठ कहते हैं. दसवें रूद्र का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म भाषा – Sukshma Bhaashaa. Internal speech (inner voice). शब्दाद्वैतवादी द्वारा मानी गई 4 प्रकार की वाणी में एक भेद । क्षयोपशम से प्रगटी आत्मा की अक्षर को ग्रहण करने की तथा कहने की शक्ति रूप लब्धि । जैन मतानुसार इसे लब्धि रूप भाव वचन स्वीकारा गया है ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिपासा परीषह – Pipasa Parisaha. Affliction of thirst. २२ परीषहों में एक परीषह; साधुओ का खेद रहित होकर प्यास की बाधा को सहना “