प्रतिनारायण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिनारायण – Pratinaaraayana. A type of great personages ( sahlaka purush), 9 Pratinarayan. नारायण के शत्रु-ऊर्ध्व लोक से आकर जन्म लेने वाले शलाका पुरुष जो नरकरूपी होते है ” यें संख्या में 9 होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिनारायण – Pratinaaraayana. A type of great personages ( sahlaka purush), 9 Pratinarayan. नारायण के शत्रु-ऊर्ध्व लोक से आकर जन्म लेने वाले शलाका पुरुष जो नरकरूपी होते है ” यें संख्या में 9 होते हैं “
दशकरण चूलिका A part or lesson of ‘Gommatsar-Karmakanda’ treatise. गोम्मटसार – कर्मकांड ग्रंथ का एक अध्याय , इसमें 10 कारणों का स्वरूप है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिकुंचन – Pratikunchana. A type of deceit or illusion, concealment of own faults. माया का एक भेद, आलोचना करते समय अपने दोष छिपाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमूर्च्छिम – Sammoorchchhima. Beings caused by spontaneous birth (not by womb or generation). गर्भज और उपपादज जन्म वालों के अतिरिक्त शेष जीव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्पमाला – Puspamala. Name of a ruling female deity of a summit (Sagar) in Nandan forest, Wreath; garland. नन्दन वन में स्थित सागर कूट की स्वामिनी दिक्कुमारी देवी, फूलों का हार “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुष्कलावती – Puskalavati. Main city of Pushkalavarta area of the east Videh (region). पूर्व विदेह के पुष्कलावर्त क्षेत्र की मुख्य नगरी. अपरनाम पुण्डरीकिणी “
देव ऋद्धि Eight types of supernatural powers (attainments) of deities. देवों की 8 प्रकार की ऋद्धियाँ-अणिमा, महिमा , लघिमा, गरिमा, आदि जिनके निमित्त से वे नाना प्रकार के रूप आदि बनाते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुरुषवेदकर्मप्रकृति – Purusavedakarmaprakrti. Name of the Karmic nature of male causing lust for female. जिस वेदकर्म के उदय से स्त्री में रमण करने की चाह हो “
दुर्गंधा A girl, having bad smelling body. दुर्गंन्धित शरीर प्राप्त एक कन्या, जिसे पूर्वभव में दिगम्बर मुनिराज को कडुवी तुमडी का आहार देने के पाप से यह दशा प्राप्त हुई थी । पुनः सुगंधदश्मी व्रत कथा में देखें। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रणिधि – Pranidhi. A type of deceit or illusion. माया का एक भेद ” व्यापार आदि में हीनाधिक कीमत की सदृशवस्तुओं को मिलाना ( जैसे-सोने में ताँबा आदि), वस्तुओं को तोलने में हेराफेरी करना आदि रूप मायाचार है “