मिश्र प्रकृति!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र प्रकृति–Mishra Prakrati. Karmic nature causing both right & wrong devotion. सम्यक–मिथियात्वरूप श्रद्धान या भाव उत्पन्न करने वाला कर्म”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र प्रकृति–Mishra Prakrati. Karmic nature causing both right & wrong devotion. सम्यक–मिथियात्वरूप श्रद्धान या भाव उत्पन्न करने वाला कर्म”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीतिवाक्यामृत – Neetivaakyaamrita. A book written by Aacharya Somdeva. आचार्य सोमदेव (ई. 943-968) द्वारा रचित एक ग्रन्थ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिवकुमार बेला व्रत – Shivakumaara Belaa Vrata. A particular type of vow (fasting). 7-8 व 13-14 तिथि का बेला तथा 9-15 का पारणा ” इस प्रकार प्रतिमास 4 बेला व 4 पारणाएवं नमस्कार मंत्र का त्रिकाल जाप्य करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निस्तरण – Nistarana. To be with right perception-knowledge & conduct stricktly upto the ultimate time of death. सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चरित्र का आमरण निर्दोष पालन करते हुए परीषह तथा उपसर्गों के उपस्थित रहने पर भी उनसे चलायमान होकर सम्यग्दर्शनादिको मरणांततक पहुँचा देने को निस्तरण कहते हैं, जिसमें वें अन्य भाव से भी अपने साथ आ सके “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष]] == चरित्त : == चारित्तं समभावो —पंचास्तिकाय : १०७ समभाव ही चारित्र है। असुहादो विणिवित्ती, सुहे पवित्ती य जाण चारित्तं। —द्रवसंग्रह : ४५ अशुभ से निवृत्ति और शुभ में प्रवृत्ति करना—इसे ही चारित्र समझना चाहिए। थोवम्मि सिक्खिदे जिणइ, बहुसुदं जो चरित्तसंपुण्णो। जो पुण चरित्तहीणो, िंक तस्स सुदेण बहुएण।। —मूलाचार : १०-६…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भंग – Bhamga. Division, Alternation, A system of alternative ex-position. खण्ड, अंश; भेद ” एक संख्या रूप प्रकृतियों में प्रकृतियों का बदलनां ” स्याद्वाद शैली के अनुसार प्रत्येक पदार्थ विरोधी अनेक धर्मयुगलों का पिंड भंग है ” प्रत्येक धर्म का वर्णन उसके प्रतिपक्षी धर्म की अपेक्षा से अस्ति (विधि) नास्ति (निषेध) और…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (अनृत) – Vachan (Anrta).: False speech or words. असत्य वचन ; मर्मछेदी, कलहकारी, हास्य, भय , लोभ, क्रोध, द्वेष आदि को उत्पन्न करने वाले वचन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्क्रिय परमाणु – Nishkriya Parmaanu. Inactive particales. क्रिया रहित परमाणु “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावार्थ दीपिका – Bhavartha Dipika. A commentary book written by Pandit Shivjit. पं. शिवजित (वि. १८१८) कृत भगवती आराधना की भाषा टीका “