वज्रपंजरस्तोत्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रपंजरस्तोत्र –Vajrapanjra Stotra A protecting spiritual hymn. पंचपरमेष्ठी की स्तुति रूप एक रक्षा स्तोत्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रपंजरस्तोत्र –Vajrapanjra Stotra A protecting spiritual hymn. पंचपरमेष्ठी की स्तुति रूप एक रक्षा स्तोत्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेमिप्रभु – Nemiprabhu. Name of the 16th Tirthankar (jaina laord) situated in Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र विद्यमान 20 तीर्थंकरों में 16 वें तीर्थंकर का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योग्यता – अपने आवरण अर्थात ज्ञान को ढकने वाले कर्म के क्षयोपक्षम को योग्यता कहते है अर्थात सामथ्र्य ज्ञान की अनुरूपता। Yogyata-talent, capability, Competency, Qualification
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शीर्ष प्रहेलिका – Sheersha Prahelikaa. A type of time unit. काल का एक प्रमाण; लता, प्रयुत, महाऊह या शीर्षप्रहेलिका “
दर्शनविशुद्धि Purity of right faith. 16 कारण भावना में पहली भावना सम्यग्दर्शन को अत्यन्त निर्मल व दृढ़ हो जाना। इसके होने पर ही तीर्थंकर प्रकृति का बंध संभव है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नील लेश्या – Neela Leshyaa. Blue thought colouration or aura (related to worldly Passions). अशुभ भाव जो तीव्र कषय से हो; अतिलोभ, चपलता, अनृत भाषण, माया, तृष्णा, परवंचना, आलस्य, मूर्खता आदि नील लेश्या के लक्षण है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोगराहित्य – रोगरूपी बाधा का अभाव होना। अर्हत भगवान के देवकृत अतिषयों में एक अतिषय। समवषरण में सम्पूर्ण जीवों को रोग आदि की बाधाए नही होना। Rogarahitya-Devoid of disease, an excellence of lord Arihant
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजवृत्ति – राजा का कार्य, पक्षपात हो कुल की मर्यादा, बुद्धि और अपनी रक्षा करते हुए न्याय पूर्वक प्रजा का पालन करना राजाओं की राजवृत्ति कहलाती है। Rajavrtti-Ruling duties of a king