वज्रमूल!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रमूल – Vajramuula The other name of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत का एक अपर नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रमूल – Vajramuula The other name of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत का एक अपर नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैकायिक – Naikaayika. An eoithet for a saint engrossed in Ratnatray. पूर्णरत्नत्रय निकाय में हुआ नैकायिक है “
चतुरावश्यक Four super necessities of the 7th stage of spiritual development. अनंतगुणी विशुद्धि , अप्रशास्ता प्रकृतियों की अनंतगुणी हानि, प्रशस्त प्रकृतियों में अनंतगुणी वृद्धि , स्थिति बंधापसरन ये ४ आवश्यक कार्य अधःप्रवृत्तकरण संयत अर्थात् सप्तम गुणस्थानवर्ती मुनि के होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्र – Vajra Name of the 1st & 68th chief disciples of Lord Abhinandannath & Lord Adinath respectively, A thunderboll , stroke of lightening. तीर्थंकर अभिनन्दननाथ के प्रथम एवं भगवान आदिनाथ के 68वें गणधर का नाम , एक अस्त्र –इसकी मार से पर्वत भी चूर – चूर हो जाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेत्र (चक्षु इन्द्रिय) – Netra (Chakshu Indriya). Eyes. आँख, चक्षु (चौथी इंद्रिय) “
त्रिलोकगुरू One who is great in all three worlds. अनंत ज्ञानादि महान गुणों के द्वारा जो तीन लोकों में भी महान् है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिवादेवी – Shivaadevee. Mother’s name of Lord Neminath. भगवान नेमिनाथ की माता, महाराज समुद्रविजय की महारानी का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नीली – Neelee. Name of a lady famous for high moral character. प्रसिद्द पतिव्रता शीलवती स्त्री “
चतुर्दश पूर्वधर Acharyas possessing knowledge of 14 Purvas. १४ पूर्व के ज्ञाता ५ मुनि ; विष्णु , नंदिमित्र , अपराजित , गोवर्धन , भद्रबाहु ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निचैर्वृत्त्ति – Nichairvritti. Politeness, Meekness. नम्र वृत्ति, नम्रता” जो गुणों में उत्कृष्ट है उनके प्रति विनय अथवा नम्रता से रहना “