जन्नाचार्य!
जन्नाचार्य A Marathi poet and writer of ‘Shrenik Charit’, An epithet of Vishnu. कन्नड़ कवि (ई. ११७०-१२२५) , अनंतनाथ पूरण के रचयिता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जन्नाचार्य A Marathi poet and writer of ‘Shrenik Charit’, An epithet of Vishnu. कन्नड़ कवि (ई. ११७०-१२२५) , अनंतनाथ पूरण के रचयिता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहदेवी – Sahadevi. The mother of Sukaushal, a saint. सुकौशल मुनि कामता । सुकौशल के मुनि हो जाने पर पुत्र वियोग से मरकर सिंहनी हुई । पूर्व के क्रोधवष सुकौशल को खा लिया । अंत में सुकौशल के पिता कीर्तिधर (मुनि) से पूर्वभव जानकर पश्चातापपूर्वक देह का त्याग कर स्वर्ग गयी ।
तैजस संघात नामकर्म Karmic nature causing luminous body. जिसके उदय से तैजस वर्गणाएं परस्पर छेद रहित एकमेक हो जाएं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जघन्य नक्षत्र Lunars of 15 Muhurta (a muhurta is of 48 minutes). जो नक्षत्र १५ मुहूर्त के रहते हैं उनको जघन्य नक्षत्र कहते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उद्भव A king of Yadu dynasty, Origination, Evolution. यदु (यादव) वंश का एक राजा उत्पत्ति रचना स्रोत।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तेजस्वी Lustrous bodied beings, A king of Ikshvaku dynasty, A chief disciple of Lord Adinath. शारीरिक एंव आत्मिक प्रभा से युक्त जीव, इक्ष्वाकुवंश का एक राजा, आदिनाथ भगवान का एक गणधर। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जघन्य कषायांश Lowest part of passions. कषाय के जघन्य अंश , जघन्य भाव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्व The 4th Patal (layer) of the 4th hell. चौथे नरक का चौथा पटल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]] या Nature of things, Reality, Elements, Essence, Principle. प्रयोजन भूत वस्तु के स्वभाव को तत्व कहते हैं। जीव, अजीव, आस्रव, बंध, संवर, निर्जरा, मोक्ष ये 7 तत्व जिनागम में बतपाये गये हैं। पुण्य व पाप को मिलाकर तत्व 9 हो…
जघन्यगुण Matters having one or minimum properties. एक अथवा कम से कम गुण . जैसे की जघन्य गुण वाले परमाणु का बंध नहीं होता . यह एक विशेषणरूपभेद है जिसे कहीं भी घटाया जा सकता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
डामर The father’s name of Lord Parshvanath (of past birth), Agitation. पाश्र्वनाथ भगवान के पूर्वभव के पिता का नाम , अहंकार । [[श्रेणी:शब्दकोष]]