लांगलखातिका!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लांगलखातिका – भरतक्षेंत्र के आर्यखण्ड की एक नदी। Lamgalakhatika-Name of a river of bharat kshetra Aryakhand (region)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लांगलखातिका – भरतक्षेंत्र के आर्यखण्ड की एक नदी। Lamgalakhatika-Name of a river of bharat kshetra Aryakhand (region)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेणीबद्ध – Shreneebaddha. Sequential; the dwelling & aboding places of hell & heaven (i.e. Bil & Viman respectively). स्वर्ग व नरक के श्रेणीबद्ध विमान व बिल, चारो दिशाओं व विदिशाओ में पंक्ति रूप जो विमान व बिल हैं उनकी श्रेणीबद्ध संज्ञा है “
गन्धर्वदेव A type of peripatetic deities. व्यन्तर देवों का एक प्रकार । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तीर्थराज Greatest place of pilgrimages-Ayodhya & Sammedshikhar. जहां तीर्थंकर जन्में अथवा मुक्त हुए ऐसे अयोध्या और सम्मेदशिखर तीर्थक्षेत्र को तीर्थराज कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतभावना – Shrutabhaavanaa. A kind of auspicious reflection. 5 उत्तम भावना में एक भावना; श्रुतभावना करना अर्थात् तद्विषयक ज्ञान में बारम्बार प्रवृत्ति करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंध-अहिंसा अणुव्रत का एक अतिचार (जानवरों इत्यादि को बंधन में रखना), आत्मा औश्र कर्मो का एक क्षेत्रा वगाह संबंध होना। Bandha- Bondage, tying up, union, bond (reg. karmic theory)
आनत(इन्द्र) A type of celestial deities. तेरहवें स्वर्ग के इन्द्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दशवर्षसहस्त्र A time period of 10 thousand years. दस हजार वर्षों का काल समय।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीवत्स – Shreevatsa. A particular type of mark on the chest of meritorious persons, Name of a propounder of Vaishesik literature. तीर्थंकर आदि पुण्यात्माओं का एक शारीरिक लक्षण जो वक्षःस्थल पर होता है ” पार्श्वनाथ चरित्र के अनुसार उनकें नवमें भव पूर्व में पोदनपुर के राजा अरविंद की मुनिअवस्था में उनके वक्षस्थल का श्रीवत्सम…
साधु-जो अट्ठाईस मूलगुणों का पालन करते हैं, सदा रत्नत्रय के साधन हेतु ध्यान और अध्ययन में लगे रहते हैं, वे साधु परमेष्ठी कहलाते हैं। आचार्य, उपाध्याय और साधु ये तीनों ही दिगम्बर वेषधारी मुनि होते हैं। [[श्रेणी:शब्दकोष]]