कामदेव-!
कामदेव- चैबीस तीर्थंकरो के समयो में अनुपम आकृति के धारक वे बाहुबलि प्रमुख 24 कामदेव होते है। इनकी उत्पत्ति चतुर्थ काल (दुषमा-सुषमा) काल में दी होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
कामदेव- चैबीस तीर्थंकरो के समयो में अनुपम आकृति के धारक वे बाहुबलि प्रमुख 24 कामदेव होते है। इनकी उत्पत्ति चतुर्थ काल (दुषमा-सुषमा) काल में दी होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] र्हं – एक मंत्र – ये जिनेन्द्र भगवान का वाचक है। Rham-A spiritual and mystical word of meditation
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संघातन कृति – Sanghaatana Kriti. Assimilation of molecules of body. पांचो शरीरों में से विवक्षित शरीर के परमाणुओं का निर्जरा के बिना जो संचय होता है उसे संघातन कृति कहते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बाधारहित- सुख; दु:ख तकलीफ आदि का न होना। रुकावअ से रहित होना। Badharahita- Obstacle free, free from hinderences
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राज्योत्तम – रूचक पर्वत पर स्थित एक कूट। यहां रूचकदेवी का निवास है जो तीर्थकर के जन्म में सेवार्थ जाती है। Rajyottama-A summit situated at mountain
अयोग A time unit. आत्मा के प्रदेशों का सकंप न होना-कर्म-नोकर्म आकर्षण के लिए जीव कीय ओग्य शक्ति का न चलना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] ललित कीर्ति – यषकीर्ति न 3 के गुरू और रत्ननंदी द्वि के षिक्षा गुरू। समय ई – 1214, काश्ठसंघी जगतकीर्ति के षिश्य एक मंत्रवादी। कृति महापराण टीका। नंन्दीष्वर व्रत आदि 13 कथाएं। Lalitakirti-Name of saints-(1) Spiritual teacher of ratnanandi-II (2) The disciple of Jagatkirti of Kashtha Group
दिगंतर गति Unnatural movement of soul. जीव की विभाव गति अर्थात् कर्म वश नीचे, तिरछे, और ऊपर गति करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रश्मिवेग – पुश्कलावती के विजयार्ध पर त्रिलोकोत्तम नगर के राजा विद्युतगति का पुत्र था।युवावस्था में दीक्षित हुआ, योग में लीन स्थिति में एक अजगर निगल गया।समाधिपूर्वक मरने से अच्यूत स्वर्ग के पुश्कर विमान मे देव हुअ्रा। Rasmivega-The son of kind Vidyutgati of Trilokottam city situated in Pushkalavati country of Vijayardh mountain
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावि भूत उपचार – Bhavi Bhuta Upachar. Wrong implication of something in past time which is going to occure in future. भविष्य में होने वाले कार्य का भूत में आरोप करना “