यदुवंश!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यदुवंश–Yaduvansh. The other name of Yadav dynasty. यादववंश; जिसकी उत्पत्ति हरिवंश के एक राजा ‘यदु’ से हुई”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यदुवंश–Yaduvansh. The other name of Yadav dynasty. यादववंश; जिसकी उत्पत्ति हरिवंश के एक राजा ‘यदु’ से हुई”
चारित्रवाद Doctrine of actionism (reg. conduct). एक एकान्तवादी मत ‘क्रियावाद’ का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदसाहित्य: Name of aphilosopical book. ई0 सन 1724.32 में अध्यात्म पद विषयक रचित एक ग्रंथ ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष गुण – Vishesha. Guna. Special characteristics recognizable properties of matter. जिस गुण से द्रव्यों में भेद जाना जाता है अर्थात् विशेष गुणों के द्वारा द्रव्य विशेष सिद्ध किया है ” सर्वद्रव्यों में विशेष गुण १६ हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ लेश्या – Shubha Leshya. Auspicious mental colouration. शुभभावरूप, मंदकषायरूप पीत, पद्य, शुक्ल ये तीन वचन योग हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पत्रचार ऋद्वि:A type of supermatural power of unviolennceful passing through leves (related to Jaina saints). दिगम्बर जैन मुनियों को प्राप्त होने वाली एक ऋद्वि जिसके प्रभाव से पत्तों आदि में रहने वाले जीवों की विराध्ना न करके उनके ऊपर से मुनिगण जा सकते है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मैनासुंदरी–Mainasundri. Name of a great pious lady in the Jain history. राजा पहुपाल की पुत्री, जिसे क्रोध के वश पिता ने श्रीपाल कुष्टी के साथ विवाह दी” गंधोदक द्वारा पति का कुष्ट दूर किया आयर अन्त में दीक्षा ली”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभचंद्र – Shubhachandra. Name of a great Acharya, the writer of Gyanamav Granth, The 8th Balbhadra of predestined Utsarpini Kal. एक महान आचार्य-राजा भर्तृहरि के भाई, ज्ञानार्णव ग्रंथ के रचियता (ई.सं. 1003-1068) ” भरतक्षेत्र के आगामी उत्सर्पिणी काल के 8वें बलभद्र “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पट्टन:City, town (48000 cities of Chakravarti are one of his grandeurs) नगर, चक्रवर्ती का 36 वाॅं वैभव – 48000 पत्तन ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाच्छंद मुनि–Yathachchhand Muni. Unrestrained or self–willed saints. स्वछंद प्रवृत्ति करने वाला साधु; जिन आगम विरुद्ध, इन्द्रिय व कषाय के वशीभूत”