शुभ आस्रव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ आस्रव – Shubha Aastrava. Flow of auspicious Karmas. पूण्यकर्म के आने योग्य मन, वचन, काय की शुभ प्रवृत्ति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ आस्रव – Shubha Aastrava. Flow of auspicious Karmas. पूण्यकर्म के आने योग्य मन, वचन, काय की शुभ प्रवृत्ति “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीची –Vichi. A wave, a wave of pleasure. वीची वाग्लहरी को कहते हैं, लहर, प्रसन्नता “
चतुर्विंशतिस्तव Eulogy of 24 Tirthankars (Jaina-Lords). अंगबाह्य श्रुत के १४ प्रकीर्णकों में एक प्रकीर्णक , तीर्थंकरों के गुणों का कीर्तन करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयप्रबद्व – Samayaprabaddha. Binding of karmic molecules with the soul in one samay (a time unit). एक समय मे जितने कर्म व नोकर्म वर्गणाएं आत्मा से बंधती है उसे समय प्रबद्व कहते है। इसका जधन्य प्रमाण अभव्य राषि से अनंतगुणा व उत्कृष्ट प्रमाण सिद्व राषि से अनंतवां भाग है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्याधर वंश – Vidyadhara Vansha. One of the ancient mythological dynasties of which the first king was Nami. पौराणिक ४ म्हावंशों में तीसरा वंश, विद्याधर नमी इस वंश का प्रथम राजा था ” (धरणेन्द्र द्वारा प्राप्त विद्याओं के कारण यह विद्याधर कहलाये ) “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम धर्मध्यान – Madhyama Dharamadhayana. A kind of right religious observances. धर्मध्यानके 3 भेदों में एक भेद ” गृहस्थ धर्म का संचालन करते हुए धर्म के प्रति भी मध्यम प्रवृति करते रहना “
त्रिखंडाधिपति Three Mlechchhakhand divisions. भरत-ऐरावत आदि क्षेत्रों के तीन खंडों के अधिपति राजा, प्रतिनारायण ये तीन खंडो के अधिपति होते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्यान – Vidhana. Arrangement, Particular procedural worshipping in Jainism, Ruling. किसी कार्य का आयोजन, अनुष्ठान, पूजा, कानून “
ग्रहण Acceptance, Acquisition, Receiving, Eclipse. स्वीकार करना , अवग्रह ,जानना , सूर्य या चंद्रग्रहण पड़ना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]