त्रिपर्व!
त्रिपर्व A type of knowledge of medicines. एक औषधी विद्या। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिपर्व A type of knowledge of medicines. एक औषधी विद्या। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर प्रणाम जीव – Sharera Sranaama Jeeva. Occupancy of soul-points according to the shape of the body. जीव का संकोच विस्तार स्वभाव होने के कारण कर्म के निमित्त से मिले छोटे-बड़े शरीर की अवगाहना का होकर रहना अर्थात् स्वदेहप्रमाण होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर व्यपदेश:A kind of infraction of the vow of hospitality indirect donation.अतिथि संविभाग व्रत का एक अतिचार, दाता पात्र को स्वयं दान न देकर दूसरे से कहकर चला जावे ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत् – Sat. Truth, Reality, Existence, Essence. पदार्थों का स्वतः सिद्ध अस्तित्व ” या उत्पाद, व्यय और ध्रौव्य से युक्त द्रव्य ” सता, सत्व, सामान्य, द्रव्य, वस्तु, अर्थ, विधि, सत् ये सर्व एकार्थवाची शब्द हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पर वात्सल्य:Affection for others.वात्सल्य का एक भेद, दूसरों के प्रति प्रेम, करूणा का भाव रखना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगी – जिसने ष्वास को जीत लिया।जो नेत्र टिमकर रहित है, जो काय के समस्त व्यापार से रहित है, निसन्देह वह योगी है। Yogi-Meditator, Who is deeply engrossed into supreme knowledge
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युगप्रतिक्रमण – पंचवर्शीय प्रतिक्रमण, 5 साल में सामूहिक रूप से साधुओ द्वार किया जाने वाला प्रतिक्रमण Yugapratikramana-A religious observance (repentance) to be performed by saints in every 5 year
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रात्रिक आलोचना – आलोचना के 7 भेदो में एक भेद, गुरू के समीप रात्रि में हुए दोशो की आलोचना करना। Ratrika Alocana-A type of self criticism, admitting own faults (pertaining to night) before spiritual teacher