फलचारण ऋद्धि!
फलचारण ऋद्धि A type of super natural power of walking over the fruits without harming its insects. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु फलों में रहने वाले जीवों को पीड़ा पहुंचाए बिना उनके ऊपर से चलने में समर्थ होते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
फलचारण ऋद्धि A type of super natural power of walking over the fruits without harming its insects. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु फलों में रहने वाले जीवों को पीड़ा पहुंचाए बिना उनके ऊपर से चलने में समर्थ होते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरर्वर्त्यकर्म – Nirvartyakarma. New research by a performer, to produce something new. कर्ता के द्वारा जो पहिलें न हो ऐसा नवीन कुछ उत्पन्न किया जाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रक्ता (कुंड) – 32 विदेह की 64 नदियो में रक्ता नदी का कुण्ड जो नील व निशध पर्वत के मूल भाग में स्थित है। Rakta (Kumda)-A wide mouthed pool situated in the base part of Neel & Nishadh Mountain
आस्रव त्रिभंगी A book on karmic theory, Hindi translation of which is done by Ganini Shri Gyanmati Mataji. कर्म सिद्धान्त विषयक एक ग्रन्थ । इसका हिन्दी अनुवाद गणिनी श्री ज्ञानमति माताजी कृत है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य हेतु – Bahya Hetu. External causes. बाहरी निमित या कारण ” जैसे – अन्य द्रव्यों के (बाह्याहेतुरूप) संयोग से आत्मा का रागदिरूप परिणमन होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रजस्वला स्त्री – देखे – पुश्यवती स्त्री Rajasvala Stri-Menstrous women
आसुरी Pertaining to evil spirits, A type of low status deities. निम्न वृत्ति सहित नीच गति के देवों में एक।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्मलनाथ – Nirmalanaatha. Name of the 16th predestined Tirthankar. भावीकालीन 16 वें तीर्थंकर का नाम (श्रीकृष्ण का जीव) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रम्यक क्षेत्र – जम्बुद्वीप के क्षेत्रों मे नील रूक्मि कुलाचल के मघ्य स्थित 5 वां क्षेत्र। यहां मघ्यम योग भूमि रहती है। Ramyaka ksetra-Name of the 5th region of jambudvip (island)
आहारक समुद्घात Bondage of Aharak Vargana for the formation of translocational body (Aharak Sharir). सूक्ष्म तत्व के विषय में जिसे जिज्ञासा उत्पन्न हुई है उन परम ऋषि के मस्तक में से मूल शरीर से सम्पर्क बनाये रखकर एक हाळा ऊँचा सफेद रंग का सवाँग सुन्दर पुतला निकलकर अन्तर्मुहुर्त में जहाँ कहीं भी केवली भगवान को…