सत्यमित्र!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यमित्र – Satyamitra. Name of the 41st chief disciple of Lord Risabhdev. भगवान ऋषभदेव के 41वें गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सत्यमित्र – Satyamitra. Name of the 41st chief disciple of Lord Risabhdev. भगवान ऋषभदेव के 41वें गणधर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रायश्चित – प्रतिसमय लगने वाले अंतरंग व बाह्य दोशों की निवृति करके अंतर्षोधन करने के लिए गुरु के समक्ष किया गया पष्चाताप। Prayascitta- Expiation, Repentance, Atonement, penitence
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राभृत समास- श्रुतज्ञान के 20 भेदों में 16 वाँ भेद, प्राभृत श्रुतज्ञान में एक अक्षर के बढनें से यह ज्ञान होता है। PrabhrtaPrabhrtaSamasa- A type of Scriptural Knowledge (shrutgyan)
उदासीन निमित्त Passive cause, cause having neutrality. देखें- उदासीन कारण। निष्क्रिय कारण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ऊर्ध्वता सामान्य Common property of a matter. पूर्व और उत्तर पर्यायों में रहने वाले द्रव्य को ऊध्र्वता सामान्य कहते हैं जैसे गोरस जो दूध व दही दोनों पर्यायों में होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणी- जीव जिसमें इन्द्रिय, बल, आयु और श्वासोच्छ्वास आदि प्राण विद्यमान रहते है। Prani- living beings possessing different type of vitalities
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेमंदर पुराण–Memandar Puran. Name of a tratise written by Vaman Muni. ई.श. 12–13 में हुए तमिल कवि ‘वामन मुनि’ द्वारा रचित ग्रंथ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राण असंयम- वट्काय जीवों की विरधना से उत्पन्न असंयम प्राण असंयम है। PranaAsamyanma- Violence of living beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिरात्मा – मिथ्यादर्शन से मोहित जीव जो आत्मा के ज्ञान, ध्यान से विमुख रहकर इन्द्रियों के सुख को भेगता है। Bahiratma- Follower of materialism of worldly enjoyments