यथाच्छंदश्रोता!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाच्छंद श्रोता–Yathachchhand Shrota. Self–willed type of listener. श्रोता का एक प्रकार” स्वच्छंद प्रवत्ति करने वाला श्रोता जिसे विद्या देना संसार व भय को ही बढ़ाना है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाच्छंद श्रोता–Yathachchhand Shrota. Self–willed type of listener. श्रोता का एक प्रकार” स्वच्छंद प्रवत्ति करने वाला श्रोता जिसे विद्या देना संसार व भय को ही बढ़ाना है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेगवती –Vegavati Name of a river of Bharat Kshetra (region) भरतक्षेत्र की एक नदी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म सूक्ष्म स्कंध – Sukshma Sukshma Skandha. Aggregate of two particles of a matter. पुदगल के मात्र दो परमाणु रूप स्कंध को सूक्ष्म सूक्ष्म स्कंध कहते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विध्दण (कवि) – Viddhanu (Kavi). Name of a poet. ज्ञानपंचमी अर्थात् श्रुत पंचमीव्रत माहात्म्य नामक भाषा छंद रचना के कर्ता एक कवि ” समय –वि. सं. १४२३ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य प्रवाद –ViryaPravada A part of Shrutgyan (scriptural knowledge) containing the description of the power of soul. दृष्टिवाद – १२वे अंग का तीसरा पूर्व, जिसमे आत्मा – अनात्मा की शक्ति का कथन हैं ” इसके ७० लाख माध्यम पद हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म क्रियाप्रतिपाती – Sukshma Kriyapratipaatee. The third absolute meditational stat achieved at the end of the 13th stage of spiritual development. तीसरा शुक्लध्यान – यह ध्यान तेरहवें गुणस्थान के अंत में होता है। जिन्होंने द्वितीय शुक्लध्यान के द्वारा 4 घातिया कर्मो का क्षय करके केवलज्ञान प्राप्त कर लिया है तब सब प्रकार के मन…
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलक– Mulak. Name of a country of Bharat Kshetra Arya Khand (region). भरतक्षेत्र आर्य खंड का एक देश”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेषालोचन – Visheshalochana. Acceptance of own faults before an Achrya by a mortifier (Kshapak). सल्लेखना के समय क्षपक के द्वारा आचार्य के सामने की जाने वाली विशेष आलोचना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुषेणा – Sushenaa. Mother’s name of Lord Sambhavnath. श्रावस्ती नगरी के राजा दृढराज की रानी एवं तीर्थकर संभवनाथ की माता ।