तत्प्रतियोगी!
तत्प्रतियोगी knowledge of relative imagination of matters or anything else. यह प्रदेश उस प्रदेश से दूर है इस प्रकार का ज्ञान तत्प्रतियोगी नाम का प्रत्यभिज्ञान कहलाता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तत्प्रतियोगी knowledge of relative imagination of matters or anything else. यह प्रदेश उस प्रदेश से दूर है इस प्रकार का ज्ञान तत्प्रतियोगी नाम का प्रत्यभिज्ञान कहलाता है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
जघन्यलब्धि Minimum attainments of spiritual virtues (like restraint etc.). जघन्य क्षयोपशम या संयामादि गुणों की प्राप्ति ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जम्बूसामिचरिउ Name of a book written by poet “Veer”. कविवीर द्वारा ई. सन् १०१९ में रचित ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सविपाक उदय – Savipaaka Udaya. Fruition of Karmas on maturity. काल, भव और क्षेत्र का निमित्त पाकर कर्मो का उदय होता है। वह दा प्रकार का है- सविपाक उदय और विपाक उदय । कर्मो का स्थिति पूर्ण होने पर उदय में आना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृच्छा विधि – Prccha Vidhi. Method of asking or questioning, Synonym word for Shrutgyan (scriptural knowledge). पूछा गया अर्थ पृच्छा है, और वह जिसमें विहित की जाती है अर्थात् कही जाती है वह पृच्छाविधि कहलाती है, श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम “
ड्योढ गुणहाहिन A mathematical quantity. गुणहानि आयाम को ड्योड़ा करने पर मिले प्रमाण को ड्योढ गुणहानि कहते है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
छेदविधि A method of repentance for maintaining restraints. प्रमाद द्वारा हुए अनर्थ को दूरं करने के लिए प्रायश्र्चित विधि से क छेदन करके संयम रूप धर्मं में स्थापना करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वसुन्दर – Sarvasumndara. Very veautiful or attractive. One of the seven particular saints. See- Sapta Rsi. सबसे सुन्दर, सप्त ऋषियों में से एक । देखे – सप्तऋषि ।
उज्जवलित Made bright, Radiant, The 7th layer (Patal) of the 3rd hell. प्रकाशवान दीप्तिमान् तीसरे नरक का सातवाँ पटल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]