व्यक्तराग!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यक्तराग –Vyaktaraga. Expressible attachment. जो राग प्रगट रूप में रहता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यक्तराग –Vyaktaraga. Expressible attachment. जो राग प्रगट रूप में रहता हैं “
धरणानंद Name of the second Indra of Nagkumar deities. भवनवासी नागकुमार देवों का द्वितीय इन्द्र, अधोलोक में प्रथम पृथ्वी के खर भाग में इनके भवन है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चूड़ादेवी Mother’s name of the 12th Chakravarti (emperor) ‘Brahmadatta’. १२वें चक्रवर्ती ब्रह्मदत्त की माता का नाम . अपरनाम – चूला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
धनपालक The 60th chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 60 वें गणधर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शून्य वर्गंणा – Shunya Varganaa. A type of Karmic aggregates. वर्गणाओं का एक प्रकार “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवि (नरक) – Prthivi (Naraka). Earths of 7 Hells. सात नरकों की सात पृथिवियाँ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शूद्र वंश – Shudra Vansha. The lineage of Shudras(see-Shudra). भगवान ऋषभदेव द्वारा स्थापित क्षत्रिय, वैश्य व शूद्र इन तीन वर्णों में एक वर्ण “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्यानत्रिक – Styanatrika. A triplet of karmic nature related to sleepiness.स्त्यानगृद्वि, निद्रानिद्रा, प्रचलाप्रचला ये तीन कर्म प्रकृतियाॅ स्त्यानत्रिक कहलाती है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावभावक भाव – Bhavabhavaka Bhava. A relation between soul & result oriented Karmas. संबंध; आत्मा एवं फल देने की सामर्थ्य से युक्त कर्म एवं आत्मा, दोनों में भाव-भावक भाव है “
चाक्षुष Visible, which can be seen by eyes. आँखों से देखने योग्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]