चतुश्र्चारित्रसिद्ध!
चतुश्र्चारित्रसिद्ध Those who have got salvation because of four super conducts. भूतप्रज्ञापन नय की अपेक्षा ४ चारित्र से सिद्ध होने वाले जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुश्र्चारित्रसिद्ध Those who have got salvation because of four super conducts. भूतप्रज्ञापन नय की अपेक्षा ४ चारित्र से सिद्ध होने वाले जीव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम ग्रैवेयक – Madhyama Graiveyaka. See – Madhyama Graiveyaka. देखें – मध्यग्रैवेयक”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्य – Brahmacarya. Celibacy, a vow. मन, वचन व काय से स्त्री सेवन आदि अब्रह्म का त्याग करना , ५ महाव्रतों में एक व्रत , श्रावक की ७ वीं प्रतिमा, १० लक्षण धर्म का १० वां धर्म; मैथून या कामसेवन का त्याग करना एंव आत्मा में लीन होना ब्रह्मचर्य है “
ग्रन्थ A literary composition, treatise, A knot, Posses- sions (external, internal). गणधर देव से रचा गया द्रव्यश्रुत ग्रन्थ कहा जाता है . गाँठ , बंध , परिग्राही; अन्तरंग , बहीरंग के भेद से दो प्रकार का है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम असंख्यात – Madhyam Asankhyata. A mathematical term. एक गणितीय पद ” देखें – मध्यम अनंत “
द्रव्य योग Vibration in soul-points owing to physical activities (related to mind, speech & body). मन वचन काय की क्रिया से जीव के प्रदेशों का चंचल या सकम्प होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चर ज्योतिष्क लोक Universe (reg. astral), space for wandering astral deities. मनुष्य लोक . ढाई द्वीप के ज्योतिष्का देव मेरु से ११२१ ईओओजन दूर रहकर उसके चारों ओर घूमते रहते हैं . इसके बाहर वे ज्योतिष्का देव गमन नहीं करते ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मधुक्रीड – Madhukrida. Name of the 5th pratinarayan. 5 वें प्रतिनारायण का नाम( अपरनाम – निशुम्भ ) “
द्रव्य पल्य A time unit related to Jaina philosophy. एक योजन लम्बें, चैड़े तथा गहरे गर्त को तत्काल उत्पन्न भेड़ के बालों (जिनका दूसरा खण्ड न हो सके) से भर कर 100 वर्ष में एक-एक बाल निकाला जाये और जब यह गर्त खाली हो जाये इसमें जितना समय लगता है वह समय ‘पल्य’ कहलाता है।…
चक्ररत्न A divine circular weapon (Chakra) possessed by Chakravarti (emperor) etc. as a jewel. सुदर्शनचक्र; जो चक्रवर्ती व अर्द्धचक्रवर्ती के होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]