प्रकृति बन्धापसरण!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति बन्धापसरण – Prakrti Bandhapasarana. Sequential reduction in karmic bindings. प्रकतिबंध का क्रम से घटना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति बन्धापसरण – Prakrti Bandhapasarana. Sequential reduction in karmic bindings. प्रकतिबंध का क्रम से घटना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलदत्त- सुपाश्र्वनाथ भगवान के मुख्य गणधर का ना (अपरनाम- बल, बलित्त, बलि)। Baladatta- name of chief disciples of lord suparshavnath
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोवंदना- Manovandana. Eulogical contemplation of the virtues of spiritual teachers. वंदना करने योग्य गुरुओं आदि के गुणों का स्मरण करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बानर- भरत चक्रवर्ती के 1 स्वप्नों में एक स्वप्न; हाथी के ऊपर बैठे बनर जिसका फल है क्षत्रिय वंश नष्ट हो जायेगा और शूद्र लोग राज्य करेंगे। Banara- a monkey, An ape (an illustration of one of the 16 dreams Bharat Chakravarti
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपराहेतु: Traditional worshipping.प्रत्यक्ष हेतु एका एक भेद शिष्य-प्रशिष्य आदि के द्वारा निरन्तर की जाने वाली अनेक प्रकार की पूजा आदि साधन ।
कामदेव- चैबीस तीर्थंकरो के समयो में अनुपम आकृति के धारक वे बाहुबलि प्रमुख 24 कामदेव होते है। इनकी उत्पत्ति चतुर्थ काल (दुषमा-सुषमा) काल में दी होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == तपस्वी : == नाऽपि तुण्डितेन श्रमण:, न ओंकारेण ब्राह्मण:। न मुनिररण्यवासेन, कुशचीरेण न तापस:।। —समणसुत्त : ३४१ केवल सिर मुंडाने से कोई श्रमण नहीं होता, ओम् का जप करने से कोई ब्राह्मण नहीं होता, अरण्य में रहने से कोई मुनि नहीं होता, कुश—चीवर धारण करने से कोई तपस्वी…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संघातन कृति – Sanghaatana Kriti. Assimilation of molecules of body. पांचो शरीरों में से विवक्षित शरीर के परमाणुओं का निर्जरा के बिना जो संचय होता है उसे संघातन कृति कहते है “