गर्हा!
गर्हा Confessing own faults before the spiritual teacher. गर्हण, गुरु के समक्ष अपने दोष प्रगट करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गर्हा Confessing own faults before the spiritual teacher. गर्हण, गुरु के समक्ष अपने दोष प्रगट करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दश विकार Ten types of lustful sensual desires of human being. काम के वेग चिंता, स्त्री को देखने की इच्छा , दीर्घनिःश्वास, ज्वर, शरीर का दग्ध होना, भोजन न रूचना , मूर्छा की गोचरी आदि वृत्तियों का वर्णन किया गया है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गिरिपात Falling from a precipice (steep mountain etc.) पर्वत से गिरना, लोकमूढता;धर्मं लाभ मानकर पर्वत से गिरना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == नम्रता : == किंदि रिंता वि नमंति मग्गणत्थं धरंति जे जोयं। ताण धणूण व पुरिसाण कह णु मा होउ टंकारो।। —गाहारयण कोष : १२९ करोड़ों का धन देकर भी जो नम्र है और जो याचकों के लिए ही जीवन धारण करता है, ऐसा धनुष और पुरुष क्यों नहीं…
गुणाधिक Super virtuous personalities (reg.right knowl- edge etc.). जो सम्यग्यानादि गुणों में बढे चढ़े हैं वे गुणाधिक हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वविद् – Poorvavid. One ominiscient, having scriptual knowledge (Shrutgyan). श्रुतकेवली “
दर्शन पंडित One having destructional-cum-subsidential right perception. क्षायिक , क्षायोपशमिक और औपशमिक सम्यग्दर्शन से जीव दर्शन पंडित होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्व तालका – Poorva taalakaa. Place of getting omniscience by Lord Rishbhdev. See – Purimtaala. ऋषभदेव भगवान के केवलस्थान का नाम ” देखें – पुरिमताल “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव – Bhava. World, Body form, Name of the predestined 6th Rudra. आयुनामकर्म के उदय से जीव की जो मनुष्यादि पर्याय होती है उसे भव कहते हैं, भविष्यकालीन छठे रूद्र का नाम “
खेद Pain, sorrow, Affliction. अनिष्ट की प्राप्ति होना, दुख ,शोक, अवसाद । [[श्रेणी:शब्दकोष]]