हर!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हर – Hara. Denominator (reg. maths), name of the 7th Rudra. गणित संबंधी भिन्न राषि मे नीचे की संख्या, भावीकालीन सातवां रुद्र।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हर – Hara. Denominator (reg. maths), name of the 7th Rudra. गणित संबंधी भिन्न राषि मे नीचे की संख्या, भावीकालीन सातवां रुद्र।
त्रिगुप्तिगुप्त Controlling the activities of mind, speech and body, Father’s name of Lord Anantnath (reg. past birth). मन, वचन, काय इन तीनों योगों से गुप्त होना त्रिगुप्तिगुप्त है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == क्षणभंगुरता : == जन्म मरणेन समं, सम्पद्यते यौवनं जरासहितम्। लक्ष्मी: विनाशसहिता, इति सर्व भंगुरं जानीत।। —समणसुत्त : ५०७ जन्म मरण के साथ जुड़ा है और यौवन वृद्धावस्था के साथ। लक्ष्मी चंचला है। इस प्रकार (संसार में) सब कुछ क्षणभंगुर है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] हंस संप्रदाय – Hammsa Sammpradaaya. Name of a sect of Vaishnav philosophy. वैष्णव दर्शन के प्रधान 4 सम्प्रदायो मे एक सम्प्रदाय। यह संप्रदाय द्वैताद्वैत या भेदाभेदवादी है, इन्हें हरिव्यासी भी कहते है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परद्रव्य रत:False belief of having possession of all destroyable matters including own body.जगत् में दर्शनमोहनीय कर्म के उदय से सम्पूर्ण पर पदार्थें, शरीर आदि को निज मानना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैक्रियिक शरीर नामकर्म प्रकृति –VaikriyikaSariraNamakarnnaPrakrti. A physique making Karmic nature of the formation of transformable body of deities & hellish beinghs. नामकर्म, जिसके उदय से विकार करने योग्य या बदलने योग्य देव या नारकियों का शरीर प्राप्त हो “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वार्थाधिगम – Svaarthaadhigama. Self knowledgeable approach. अधिगम के दो भेदो मे एक भेद, यह ज्ञान स्वरुप है जो प्रमाण और नय भेदो वाला है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपुलाचल – Vipulachala. Name of the first hill among five hills of Rajgrih Nagar. राजगृह नगर (नालंदा, बिहार ) की पंच पहाड़ियों में प्रथम पहाड़ी ” इंद्र ने भगवान महावीर के (केवलज्ञान होने के ६६ दिन पश्चात् ) प्रथम धर्मोपदेश के लिये यहां समवशरण रचा था “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाद्य – Svadya. Worth tasting, appetizing. आहार के 4 भेदो मे एक भेद। मुख का स्वाद बदलने के लिए खाने वाले लौग, इलायची आदि पदार्थ स्वाद्य कहलाते है।