वस्तुविद्या!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वस्तुविद्या – Vastuvidyaa.: Name of a treatise written y Acharya Vasunandi. आचार्य वसुनंदि कृत एक ग्रन्थ “समय –ई .श.11 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वस्तुविद्या – Vastuvidyaa.: Name of a treatise written y Acharya Vasunandi. आचार्य वसुनंदि कृत एक ग्रन्थ “समय –ई .श.11 “
उष्मगर्भकूट Less eating of diet, Small fasting . मानुषोत्तर पर्वत का एक कूट।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तिलका A city in the north of Vijayardh mountain. विजयार्थ की उत्तर श्रेणी का एक नगर। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वसुंधरा – Vasundharaa Another name of earth , Name of a female divinity of Ruchak mountain. पृथिवी का अपरनाम ,रुचक पर्वत की एक दिक्कुमारी देवी “
तिर्यग्गतिप्रायोग्यानुपूर्वी Existence of old body form before taking the new birth (reg. Tiryanch Gati). वह नामकर्म जिसके उदय से तिर्यचगति में जाते हुए विग्रहगति में पूर्व के शरीर के आकार के समान जीव (आत्मप्रदेश ) का आकार बना रहे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वलीक – Valiik.: One of the omniscients in the assembly of Lord Mahaveera. भगवान् वीर के तीर्थ के 10 अंतकृत केवली में एक “
तिर्यंच पंचेन्द्रिय All animals (except human beings) having 5 sense-organs. मनुष्य को छोडकर पांच इंन्द्रियों वाले समस्त पशु पक्षी इत्यादि जीव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्द्धमान – Varddhamaana. : Another name of Lord Mahaveera given by Indras, Name of a summit in the north of Ruchakvar mountain. कीर्ति तथा गुणों से वृद्धिंगत होने के कारण इंद्र द्वारा प्रदत्त भगवान महावीर का अपरनाम ,रुचकपर्वत की उत्तर दिशा का एक कूट “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भागाहार संक्रमण – Bhagahara Samkramana. Transitional change in omen Karmas of beings. जिनके द्वारा संसारी जीवों के शुभ – अशुभ कर्म परिणामों के निमित्त पाकर बदल जाये – अन्य प्रक्रति रूप हो जावे, इसके ५ भेद हैं “
तिथि Traditional date, Date of a lunar or solar month. भारतीय परम्परा में अनादिकाल से प्रचलित प्रत्यके माह के कृष्णपक्ष और शुक्लपक्ष की तिथियाँ जो तिथि तीन मुहूर्त या छः घड़ी उदय में हो उसको मानना चाहिए। हर एक तिथि का प्रमाण 54 घड़ी से 65 घड़ी तक या कुछ कम 66 घड़ी का होता…