श्रुतधर आम्नाय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतधर आम्नाय – Shrutadhara Aamnaaya. The tradition of great saints possesing scriptural knowledge (shrutgyan). श्रुत को धारण करने वाले आचार्यो की परम्परा, मूलसंघ की पट्टावली में अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतधर आम्नाय – Shrutadhara Aamnaaya. The tradition of great saints possesing scriptural knowledge (shrutgyan). श्रुत को धारण करने वाले आचार्यो की परम्परा, मूलसंघ की पट्टावली में अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनयलालस – Vinayalalasa. Name of a saint among particular group of 7 saints. सप्त ऋषियों में एक, विनयलालस “
आभिनिवेशक मिथ्यादर्शन Intuitional perversity (wrong faith). अगृहीत मिथ्यात्व परोपदेश बिना शुद्ध जीवादि पदार्थों के विषय में विपरीत श्रद्धान होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिकोण रचना To pay reverence three times a day. उदयागत कर्म निषेकों की त्रिकोण रचना, एक एक घटता हुआ निषेक उदय में आना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गंडविमुक्त देवी The disciple of maghnandi muni kollapuriya. माघनंदि मुनि कोल्लापूरे के शिष्य तथा भानुकीर्ति व देवकीर्ति के गुरु थे. समय ई. ११३३-११६३। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाना-जीव नाना-अजीव – Nana-Jiva Nana-Ajiva Theory of many animates and inanimates अनेक जीव और अनेक अजीव ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == श्रद्धा : == जं सक्कइ तं कीरइ, जं न सक्कइ, तयम्मि सद्दहणा। सद्दहमाणो जीवो, वच्चइ अयरामरं ठाणं।। —धर्म संग्रह : २-२१ जिसका आचरण हो सके, उसका आचरण करना चाहिए एवं जिसका आचरण न हो सके, उस पर श्रद्धा रखनी चाहिए। धर्म पर श्रद्धा रखता हुआ जीव भी जरा…
इतरेतराभाव Mutual/reciprocal state of non-existence, Respective absence. अन्योन्याभाव-पुद्गल द्रव्य की एक वर्तमान पर्याय में दूसरे पुद्गल की वर्तमान पर्याय का अभाव होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मभूत Integral virtue, self natured, indigenous quality. लक्षण- जो लक्षण वस्तु के स्वरूप में मिला हो उससे मित्र न हो सके, जैसे जीव का लक्षण चेतना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]