सर!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर – Sara. Pond. तालाब।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रामगिरि – मेघदूत की अपेक्षा अमरकंटक पर्वत व नेमिचरित की अपेक्षा गिरनार पर्वत। Ramagiri-name of Amarkantak mountain (According to megndoot) & Girnar mountain (according to nemicharit)
चक्रपुरी Name of the capital of Gandha country in Videh (region). अपर विदेह के गंधा नामक देश की राजधानी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पृष्ट – Sprasta. Touched.स्पर्ष किया हुआ, प्राप्यकारी या छूकर-भिड़कर जाना हुआ (चक्षु इन्द्रिय अप्राप्यकारी है, क्योकि वह स्पृष्ट रुप से पदार्थ को ग्रहण नही करती, शेष 4 इन्द्रिय प्राप्यकारी है)।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यात्नाचार–Yatnaachar. Attempt for good & careful conduct. सावधानी एवं उत्साहपूर्वक दोष रहित आचरण करना”
छत्रपति A poet who wrote many books like Dvadashan-upreksha, Udyamprakash etc. कोका (मथुरा) के एक कवि (वि. १९१६ पौष शुक्ल १) जिन्होंने द्वादशानुप्रेक्षा , उद्यमप्रकाश आदि रचनाएं की ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्षनानुयोगद्वार – Sparssananuyodgdvaara. A type of Anuyogdwar (disquisition door) pertaining to the description of past & present of a matter (reg. touching).जो भूतकाल मे स्पर्ष किया है और वर्तमान मे स्पर्ष किया जा रहा है वह स्पर्षन कहलाता है। सत् संख्या और क्षेत्र रुप द्रव्यो के अतीतकाल, विशिष्ट वर्तमान स्पर्ष का स्पर्षनानुयोग वर्णन करता…
दर्शपूर्वित्व ऋद्धि A type of supernatural power. बुद्धि ऋद्धि का एक भेद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == स्व-पर : == परद्रव्यात् दुर्गति:, स्वद्रव्यात् खलु सुगति: भवति। इति ज्ञात्वा स्वद्रव्ये, कुरुत रिंत विरतिम् इतरस्मिन्।। —समणसुत्त : ५८७ परद्रव्य अर्थात् धन—धान्य, परिवार व देहादि में अनुरक्त होने से दुर्गति होती है और स्वद्रव्य अर्थात् अपनी आत्मा में लीन होने से सुगति होती है। ऐसा जानकर स्वद्रव्य में…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्निग्ध – Snigdha. Greasy, oily, lubricous.चिकना या चिक्कणपना।