रूद्रवसंत व्रत!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूद्रवसंत व्रत – क्रमष 2,3,4,5,6,6,4,3,2 इस प्रकार 35 उपवास करना।बीच के स्थानो में पारणा व नमस्कार मंत्र की त्रिकाल जाप करना। Rudravasamta Vrata-A specified procedural vow (fasting)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूद्रवसंत व्रत – क्रमष 2,3,4,5,6,6,4,3,2 इस प्रकार 35 उपवास करना।बीच के स्थानो में पारणा व नमस्कार मंत्र की त्रिकाल जाप करना। Rudravasamta Vrata-A specified procedural vow (fasting)
एकार्थ समवाय One inherence in the same substratum. समान पदार्थों का समुदाय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूलस्थान–Mulasthan. A fault of a saint (using article without purifying it), Past name of present city Multan in Punjab. दोष; आहार, पिच्छी, कमंडलु और वसतिका आदि को शोधन किये बिना ही साधु द्वारा इनका प्रयोग करना, पंजाब का वर्तमान मुलतान नगर”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वायुनिरोध – Vaayunirodha.: The process of resisting breath (a meditational activity) in which exhaling is performed through the palate. प्राणायाम ; श्वासोच्छ्वासरूप पवन नासिका के छिद्रों को छोड़कर स्वयमेव तालुका के अति सूक्ष्म छिद्र (10वें द्वार) से होकर बाहर निकलती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संशय – Sanshaya. Doubt, Suspicion, Confusion. वस्तु के विषय में विरुद्ध अनेक धर्मों में से किसी एक का निश्चय नहीं कर पाना और संदेह में पड़ जाना ” जैसे- यह सीप है या चाँदी है ऐसा संदेह होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध चारित्र – Suddha Chaaritra. Absolute right conduct.निश्चय मोक्षमार्ग का एक अपरनाम ” वीतराग चारित्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलाणु – Pudgalanu. Indivisible particles of the matter. पुद्गल द्रव्य के दो भेदों में एक भेद; अविभागी एक प्रदेशी पुद्गल द्रव्य को अणु कहते हैं “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == संतोष : == देिंवदचक्कवट्टित्तणाई रज्जाइ उत्तमा भोगा। पत्ता अणंतखुत्तो, न य हं तित्तिं गओ तेहिं।। —इन्द्रिय पराजय शतक : १६ देवपन, इन्द्रपन, चक्रवर्तीपन और राज्य आदि के उत्तम भोगों को मैंने अनंत बार पाया है, परन्तु अभी तक मैंने इनसे लेशमात्र भी तृप्ति नहीं पाई है। सव्वग्गंवथविमुक्को, सीईभूओ…