लघुशंका!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुशंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुशंका – मूत्रोत्सर्ग, लघु व दीर्घ षंका जाने के बाद प्रायष्चित के रूप 25 उच्छ्वास का कायोत्सर्ग किया जाता है। Laghusamka-Urination
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुवनाम्बिका – Bhuvanambika. An addressing word for Marudevi-mother of Lord Rishabhadev. मरूदेवी जिन्हें वृषभदेव भगवान की जननी होने से भुवनाम्बिका (अर्थात् जगत माता) नाम से सम्बोधित किया गया था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रइधू – पउम चरिउ, जसहर चरिउ, धण्णकुमार चरिउ, दष लक्षण धर्म, दस स्तुतियां आदि के रचियता एक अपभ्रंष कवि। समय – वि 1457 – 1536, दस लक्षण धर्म दस स्तुतियां। Raidhu-Name of an Apabhransh Jainapoet
खण्डकल्पना Imagination of partition-region(of indivisible matters like sky etc.) विभाग कल्पना; आकाश द्रव्य अविभागी (अखण्ड) है फिर भी उसमें (प्रदेशरूप) खण्ड कल्पना हो सकती है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == श्रम : == इह लोगणिरावेक्खो, अप्पडिबद्धो परम्मि लोयम्हि। जुत्ताहार—विहारो, रहिदकसाओ हवे समणो।। —प्रवचनसार : ३-२६ जो कषायरहित है, इस लोक में निरपेक्ष है, परलोक में भी अप्रतिबद्ध (अनासक्त) है और विवेकपूर्वक आहार–विहार की चर्या रखता है, वही सच्चा श्रमण है। आगमहीणो समणो णेवप्पाणं परं वियाणादि। —प्रवचनसार : ३-३०…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाडबांगड संघ – जैन मूल संध से निकले काठासंघ के चार भेदो में अन्तिम भेद, एक जैनाभासी संघ। Larabagara Samgha-One of the four former parts of Kashtha group of saints
खड्ग’ Sword, One of the 14 jewels of Chakravarti (emperor). तलवार, चक्रवर्ती के चौदह रत्नों में से एक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दत्तावधान बुद्धि An intelligence which is caused in making interest about any subject. किसी विषय में रूची या श्रद्धा होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिरूपण – Pratirupana. Modelling, counter image. अनुरूप बनाना, नमूने के अनुसार बनाना “