खंडनखंडखाद्य!
खंडनखंडखाद्य A book written by ‘Shri Harsh’. वेदान्त साहित्य प्रवर्तक ‘श्री हर्ष ‘द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
खंडनखंडखाद्य A book written by ‘Shri Harsh’. वेदान्त साहित्य प्रवर्तक ‘श्री हर्ष ‘द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बोधायन – Bodhayana. Name of a commentator of Vedant literature. बादरायण के ब्रम्हसूत्र पर टीका लिखने वाले एक वेदांत साहित्य प्ररर्तक “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सामायिक – Bhava Samayika. Equanimity in pain & pleasure. सुख – दुःख में साम्यभाव धारण कर मैत्रीभाव के साथ सम्पूर्ण सावध से निर्वत्त ह्नुं, इन भावों के साथ सामायिक करना “
चम्पक वृक्ष Name of initiation tree of Lord Munisuvratnath. मुनिसुव्रतनाथ भगवान के दीक्षावृक्ष का नाम , जो नील वन में स्थित था ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूमिशय्याव्रत – Bhumishayyavrata. A basic restraint of Jaina saints, to sleep on the earth. साधु के २८ मूलगुणों में एक मूलगुण; पृथिवी पर शयन करना “
द्रव्यार्थिक नय A standpoint which emphasizes the attributes of a substance, substantial standpoint. एक नय; जो पर्याय को गौण करके द्रव्य का मुख्यता से कथन करता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोक्त्रत्व नय:A viewpoint believing that soul is the enjoyer of joy & sorrow. नय; जिसकी अपेक्षा से आत्मद्रव्य सुख-दुखादि का भोक्ताहै “
द्रव्यश्रुत A type of scriptural knowledge, Jinwani. आचारांग आदि बारह अंग, उत्पादपूर्व आदि चैदह पूर्व और सामायिकादि 14 प्रकीर्णकस्वरूप ज्ञान। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतग्राही ज्ञान – Bhutagrahi gyaan. Omniscience, great knowledge of the whole past. भूतकाल को जानने वाले श्रुत, अवधि, मन:पर्यय एवं केवल ज्ञान “