भद्रमित्र!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रमित्र – Bhadramitra. Name of the counselor of the king of Sinhpu, another name is Satyaghosh. सिंहपुर के राजा का मंत्री, अपरनाम सत्यघोष ” आगे चौथे भव में मोक्ष प्राप्त किया “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भद्रमित्र – Bhadramitra. Name of the counselor of the king of Sinhpu, another name is Satyaghosh. सिंहपुर के राजा का मंत्री, अपरनाम सत्यघोष ” आगे चौथे भव में मोक्ष प्राप्त किया “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्थान संयत – Svasthaana Sammyata. See- Svasthaana Apramatta. देखे- स्वस्थान अप्रमत्त। मूल व उत्तर गुणो से मिण्डत, व्यक्त व अव्यक्त परिणाम से रहित कषायो का अनुपशामक व अक्षपक होते हुए भी ध्यान मे लीन अप्रमत्तसंयत स्वस्थान अप्रमत्त कहलाता है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == कृपणता : == करिणो हरि—नहरविदारियस्स दीसंति मुत्तिया कुम्मे। अहव किवणाण मरणे पथडच्चिय होंति भंडारा।। —गाहारयण कोष : १५५ िंसह के नख से विदारित होने पर हाथी के कुम्भस्थल में मोती दिखाई पड़ते हैं अथवा कृपणों के मरने पर ही उनका भंडार (धन) प्रकट होता है। सोसं न गओ…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्ववात्सल्य – Svavaatsalya. Self affection. वात्सल्य के दो भेदो मे एक भेद। स्वद्रव्य मे रति अर्थात् अपनी आत्मा से सम्बन्ध रखने वालाक वात्सल्य प्रधान है।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शरण : == ज्ञानं शरणं मम, दर्शनं च शरणं च चारित्र शरणं च। तप: संयमश्च शरणं, भगवान् शरणो महावीर:।। —समणसुत्त : ७५० ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप और संयम मेरे लिए शरण हैं। भगवान् महावीर मेरे लिए शरण हैं।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावन लोक – Bhavana Loka. Place of residence of deities. जहां असुरकुमार आदि भवनवासी देवों के भवन हैं अर्थात् खरभाग- पंकभाग “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्गवासी देव – Svargavaasii Deva. Heavenly deities. कल्पवासी देव-वैमानिक देव अर्थात् 16 स्वर्ग, 9 गै्रवेयक, 9 अनुदिष, 5 अनुत्तर के निवासी देव।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संधि – Sandhi. Alliance, union, Reconcillation, A treaty, Name of a planet, Joint of the body. संयोग, आपस का मेल, एक राजा का दुसरे राजा के साथ विशिष्ट शर्तों पर मैत्री भाव स्थापित करना, 88 ग्रहों में 33वां ग्रह (अपरनाम शांति), औदारिक शरीर में 300 संधि हैं “
एकोनविंशति A number, 19. 19- देशावधि की क्रमिक वृद्धि के 19 काण्डक।[[श्रेणी:शब्दकोष]]