भय दोष!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भय दोष – Bhaya Dosa. A fault; paying reverence with fear. व्युत्सर्ग का एक अतिचार; सत्यभय आदि से युक्त होकर वन्दनादि करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भय दोष – Bhaya Dosa. A fault; paying reverence with fear. व्युत्सर्ग का एक अतिचार; सत्यभय आदि से युक्त होकर वन्दनादि करना “
चारित्रमोह उपक्षमक One who subsides the delusion related to conduct. चारित्र मोह का उपशाम करने वाला साधक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम स्वर- Madhyama swara. The middle vocal tone. स्वर जो ह्र्दय देश में स्थित होता है ” गायन सम्बन्धी त्रिविध लयों में दूसरी लय “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्म:Verse, Four months stay of saints at a particular place during rainy season. काव्य, साधु का एक स्थितिकल्प वर्षाकाल के चार मास पर्यंत एक स्थान पर ही रहना ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुध्द्ववीर्य – Buddhavirya. Name of the questioner of Lord Pushpadant. तीर्थकर पुष्पदंत के समवसरण में मुख्य प्रशनकर्ता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समन्वय – Samanvaya. Mutual relations. पारस्परिक सम्बन्ध। भिन्न-भिन्न विषयों के अनेको विकल्पों का परस्पर समन्वयं।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्माल:A city in the north of Vijayardh (mountain). विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्याणुव्रत – Brahmacaryanuvrata. Vow of partial celibacy, to limit the desires with own wife only. ५ अणुव्रतों में व्रत; एक देश ब्रम्हचर्य पालना अथवा स्वदारसंतोंष रखना “
चमरेन्द्र Name of an Indra. भवनवासी के असुरकुमार जाति के देवों का प्रथम इंद्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]