श्रीनिचय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनिचय – Shreenichaya. Name of a summit situated in Padmahrida (large pond), Name of the 3rd Rishi (saint) among a group of particular 7 Rishies (saints). पद्महृद में स्तिथ एक कूट, सप्त ऋषियों में से तीसरे ऋषि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीनिचय – Shreenichaya. Name of a summit situated in Padmahrida (large pond), Name of the 3rd Rishi (saint) among a group of particular 7 Rishies (saints). पद्महृद में स्तिथ एक कूट, सप्त ऋषियों में से तीसरे ऋषि “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सम्यक् ज्ञान : == यथा यथा श्रुतमवगाहते, अतिशयरसप्रसरसंयुतमपूर्वम्। तथा तथा प्रह्लादते मुनि:, नवनवसंवेगश्रद्धाक:।। —समणसुत्त : २४७ जैसे—जैसे मुनि अतिशय रस के अतिरेक से युक्त अपूर्वश्रुत का अवगाहन करता है, वैसे—वैसे नित—नूतन वैराग्ययुक्त श्रद्धा से आह्लादित होता है। सूची यथा ससूत्रा, न नश्यति कचवरे पतिताऽपि। जीवोऽपि तथा ससूत्रो, न…
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष]] == धर्मचरण : == जरा यावत् न पीडयति, व्याधि: यावत् न वद्र्धते। यावदिन्द्रियाणि न हीयन्ते, तावत् धर्मं समाचरेत्।। —समणसुत्त : २९५ जब तक बुढ़ापा नहीं सताता, जब तक व्याधियां (रोगादि) नहीं बढ़ती और इन्द्रियाँ अशक्त अक्षम) नहीं हो जातीं, तब तक (यथाशक्ति) धर्माचरण कर लेना चाहिए क्योंकि बाद में अशक्त एवं असमर्थ…
देशव्रत Vow of restriction on moving beyond the set limits of area. देखें – देशावकाशिक व्रत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्याम द्वीप व सागर – Shyaama Dveepa Va Saagara. Name of an island and an ocean of middle universe. मध्यलोक का एक द्वीप व सागर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयमस्वरुप प्रतिमा – Sanyamaswaroopa Pratimaa. The passionless saints just like an idol (without wordly attachments). दर्शन ज्ञान प्राप्त करके शुद्ध हैं आचरण जिनका ऐसे वीतराग निग्रंथ साधु संयमस्वरुप प्रतिमा हैं ” इन्हें चेतन प्रतिमा भी जानना चाहिए “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिभद्र – Namdibhadra A great saint whose another name is ‘Nandivardhana’. एक चरण ॠदधिधारी मुनि, इनका अपरनाम नंदिवर्धन है ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शोक : == हदमाकासं मुट्टिहिं होइ तह कंडिया तुसा होंति। सिगदाओ पीलिदाओ धुसिलिदमुदयं च होई जहा।। —भगवती आराधना : १६२५ जैसे आकाश को मुट्ठियों से मारना, तंडुलो के लिए भूसा काटना, तेल के लिए बालू को यंत्र से पीलना, घी के लिए जल का मंथन करना व्यर्थ है,…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रव्रत्ति मार्ग- भक्ति प्रधान धर्म, जहां व्यवहार धर्म की तरफ अधिक झुकाव हो अर्थात गृहस्थ धर्म। Pravrtti marga- Households tendency related to religious conduct