पंच आचार!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच आचार – Pancha Aachaar. Five fold conducts. ज्ञानाचार, दर्शनाचार, तपाचार,वीर्याचार, चारित्राचार ” जिनका दिगम्बर जैन आचार्य पालन करते है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच आचार – Pancha Aachaar. Five fold conducts. ज्ञानाचार, दर्शनाचार, तपाचार,वीर्याचार, चारित्राचार ” जिनका दिगम्बर जैन आचार्य पालन करते है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवि – Prthivi. Earth. धरती, पृथ्वी के चार भेद हैं- पृथ्वी, पृथ्वीकाय, पृथ्वीकायिक, पृथ्वीजीव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुंडरीक – Pumdarika. Name of the 6th ‘Narayan’ & the 6th Rudra, A type of scriptural knowledge , Name of protecting peripatetic deity of Pushkarvardvip & Manushottar mountain, A city situated in the south of Vijayardh mountain. छठे रूद्र व् नारायण का नाम, श्रुतज्ञान का १२वाँ अंगबाह्या, पुष्करवर द्वीप एवं मानुशोत्तर पर्वत के रक्षक…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विचार –Vichara. Consideration, Contemplation. विषय के प्रथम ज्ञान को वितर्क कहते हैं ” उसी का बारबार चिंतवन विचार कहलाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच अवयव – Pancha Avayava. Five parts of inference. अनुमान के 5 अंग; प्रतिज्ञा, हेतु, उदाहरण (अन्वय व्यतिरेकी) उपनय, निगमन “
दुषमा काल A period of 21000 years is called one Dushama Kal or misery period (presently this period is going on). अवसर्पिणी काल का 5 वां और उत्सर्पिणी काल का दूसरा भेद। इस काल का समय 21 हजार वर्ष का होता है (वर्तमान में यही काल चल रहा है।)।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म स्कंध – Sukshma Skandha. A type of aggregate of Karmic molecules. स्कंधों के 6 भेदों में एक भेद, कर्म वर्गणा के योग्य स्कंध को सूक्ष्म स्कंध कहते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] न्यासापहार – Nyaasaapahaara. Misappropriation, a type of false behaviour. सत्याणुव्रत का अतिचार; कोई व्यक्ति धरोहर रख जाए और भूल से कम मांगे तो उसको उसकी भूल न बताकर जितनी वह मांगे उतनी ही दे देना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजाख्यान – जिनागम में कहे गए चार आख्यानों में लोकाख्यान, देवाख्यान, राजाख्यान, पुराख्यान में चैथा। इसमें राजा के अधीन देष और नगर आदि का तथा उसके प्रभाव क्षेत्र का वर्णन किया जाता है। Rajakhyana- One of the four exposition prescribed in a jaina scripture