गति द्विक!
गति द्विक Dyad of Karmic nature related to Gati. गति, गत्यानुपूर्वी(जैसे-तिर्यंच गति , तिर्यंच गत्यानुपूर्वी आदि)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गति द्विक Dyad of Karmic nature related to Gati. गति, गत्यानुपूर्वी(जैसे-तिर्यंच गति , तिर्यंच गत्यानुपूर्वी आदि)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्पन्न स्थान सत्तव Reforming of Karmas by reducing Karmic Sthiti. पूर्व पर्याय में जो उद्वेलना व बिना उद्वेलना से सत्तव हुआ है उसका उत्तर पर्याय में उत्पन्न होना। वहाँ उत्तर पर्याय में उस सत्तव को उत्पन्न स्थान में सत्तव कहा है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरास्रव – Niraasrava. Devoid of attachments, ill-feelings etc. सम्यग्दृष्टि जीव अर्थात् राग, द्वेष और मोह से रहित होना निरास्रव कहलाता है “
गण Group of three (saints etc). तीन चिरदीक्षित साधुओं का समूह , वृद्ध मुनियों का समुदाय (धवला एवं राजवार्तिक के अनुसार)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गंधवती Name of a city & a summit (koot). एक नगरी, शिखरी कुलाचल पर ९वां कूट ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकानुवृत्ति –Lokaanuvrtti.: A kind of modesty. सामान्य विनय का एक भेद ;किसी पुरुष के अनुकूल बोलना तथा देश व काल योग्य अपना द्रव्य देना लोकानुवृत्ति विनय है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरतिशय – Niratishaya . Ordinary, without any wonder or transcendent. अतिशय रहित, साधारण “
गंधिला An area of western videh, Name of a summit (koot) and protecting deity of Devmal Vakshar. अपर विदेह स्थित एक क्षेत्र, देवमाल वक्षार का कूट व उसका देव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकमूढ़ता –Lokmoodhtaa.: False tradition or false ritualistic belief (superstition). लोक में धर्म के नाम से मणि हुई मूढ़ता या अन्धविश्वास “जैसे नदी या समुद्र में स्नान करना , पर्वत करना , बालू –पत्थरों का ढेर लगाना , अग्नि में जलना आदि को धर्म समझकर करना “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पांशुमूल – Paanshumoola. A city situated in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर “