भूति!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूति – Bhuti. Name of the 24th chief disciple of Lord Rishabhadev. भगवान वृषभदेव के ८४ गणधरों में २४ वें गणधर का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूति – Bhuti. Name of the 24th chief disciple of Lord Rishabhadev. भगवान वृषभदेव के ८४ गणधरों में २४ वें गणधर का नाम “
आस्थानांगण A land of Samavsharan (assembly of Lord Arihant), where the worshipping of Manstambhs is observed by deities & human beings. समवशरण की एक भूमि यहाँ बैठकर मनुष्य एंव देव मानस्तम्भों की पूजा करते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांतिकीर्ति – Shantikeerti. The disciple of Meghchandra of nandi group; Namr of a Kannad poet, the writer of Shantinaatha. नंदिसंघ बलात्कारगण, मेघचंद्र के शिष्य मेरुकीर्ति के गुरु, समय – ई. 705-720 ” शांतिनाथ पुराण के रचियता एक कन्नड़ कवि, समय ई.- 1519 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय अनुप्रेक्षा – Nishchaya Anuprekshaa. Reflection about absolutsim (knowledge of soul is Supreme). मुनि अवस्था में शुद्ध निश्चय नय से आत्मा का स्वरुप देवादिपर्यायोंसे रहित ज्ञानस्वरूप मात्र है इस तरह का चिंतन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोहागल –Lohaagal The 11th city of the southern Vijayardha mountain . विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का 11वां नगर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकरण – Prakarana. Topic, Section, Part. विषय, प्रसंग, किसी कृति का छोटा भाग “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्व्याकुल चित्त – Nirvyaakula Chitta. Mind free from all agitations. सुख; शांत मन अर्थात् व्याकुलताओं से रहित मन “
चतुरिन्द्रिय Four – sensed beings. स्पर्शन , रसना , घ्राण , चक्षु ये ४ इन्द्रियाँ जिन जीवों के होती हैं वे चतुरिन्द्रिय जीव हैं . जैसे -मक्खी , मच्छर आदि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वेगिनी कथा – Nirveginee kathaa. Story which produces feelings of asceticism or datachment. 4 धर्मकथाओं में एक कथा–संसार, शरीर और भोगों में वैराग्य को उत्पन्न करने वाली कथा ” अपरनाम-निर्वेजनी कथा “
थोस्सामिदंडक A lesson for the prayer of Jaina Lord . थोस्सामिहं जिणवरे-इत्यादिरूप एक चौबीस तीर्थंकर स्तुति का प्राकृत पाठ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]