परतंत्रवाद!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परतंत्रवाद: Doctrine of dependency on others.दूसरों पर निर्भर रहने का सिद्वांत, आत्मा का दुख सुख भोगने में काल, स्वभाव, नियति आदि पर निर्भर रहना ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परतंत्रवाद: Doctrine of dependency on others.दूसरों पर निर्भर रहने का सिद्वांत, आत्मा का दुख सुख भोगने में काल, स्वभाव, नियति आदि पर निर्भर रहना ।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वाभाविक दुःख – Svaabhaavika Dikha. Natural pain or troubles (according to Karmic nature). दुःख के 4 भेदो मे एक भेद। क्षुधादि से उत्पन्न होने वाले दुख स्वाभाविक दुःख है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्थान सन्निकर्ष – Svasthaana Sannikarsa. Relativity of karmas with matter, region, time etc. सन्निकर्ष के दो भेदो मे एक ंभेद। किसी विवक्षित एक कर्म का जो द्रव्य, क्षेत्र, काल एवं भाव विषयक सन्निकर्ष होता है वह स्वस्थान सन्निकर्ष कहलाता है।
चोरी- बिना दी हुई वस्तु का लेना चोरी स्तेयहै। इस कथन का अभिप्राय है कि बाह्य वस्तु ली जाय या न ली जाय किंतु जहाँ संक्लेशरूप परिणाम के साथ प्रवृति होती है, वहाँ चोरी का दोष लगता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांतर सिद्व – Saantara Siddha. Beings to be salvated from Santar Gatri. अंतर-विच्छेद सहित होने वाले सिद्व।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनरंगलाल- Manarangalala. Name of a writer who wrote Namichandraka, specially 24, worshipping composition of 24 Jaina Lords and many other books. पंडित ; नमिचंद्रका, सप्तव्यसनचरित्र आदि के रचियता ” इनके द्वारा रचित 24 तीर्थंकरों की 24 पूजाएं अत्यंत प्रसिद्द हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाववेद – Bhavaveda. Psychic libido. वेद नोकषाय के उदय से मैथुन भाव होना, इसके ३ भेद हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिष्ठाचार्य- जिनबिम्बादिक की पंचकल्याणक प्रतिष्ठा कराने वाला जिनधर्म का दृढ श्रद्धानी, सदाचारी, शास्त्रज्ञ, निश्चय व्यवहार का ज्ञाता, देष कुल जाति से शुद्ध त्यागी या गृहस्थ श्रावक। pratisthacharya – the cheif one, the installator in the consecration celebration of ido installation