गणधर कीर्ति!
गणधर कीर्ति Disciple of Acharya kuvalayachandra. ई. सन् ११३२ में आचार्य कुवलययन्त्र के शिष्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गणधर कीर्ति Disciple of Acharya kuvalayachandra. ई. सन् ११३२ में आचार्य कुवलययन्त्र के शिष्य ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिथिलाचारी – Shithilachaaree. One inactive in observing proper conduct. अपने योग्य आचरण में शिथिल श्रावक या साधु “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषध देव – Nishadha Deva. Protecting deity of a summit of Nishadh mountain. निषध पर्वत के निषध कूट का रक्षक देव “
गजदन्त Mountains having the shape of elephant teeth. विदेह क्षेत्र में सुमेरू पर्वत की चारों दिशाओं में सुमनस, विद्युतप्रभ, माल्यवान, गंधमादक नामक चार गजदंताकार पर्वत ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय स्तवन – Nishchaya Stavana. See – Nishchaya Bhakti. देखें – निश्चय भक्ति “
गंधोदक वृष्टि One of the excellences of omniscient- showering of sacred fragrant water. अर्हन्तों के केवलज्ञान के अतिशयों में एक ; सुगन्धित जल वर्षा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शासन देव – Shaasana Dieva. Ruling deities of 24 tirthankars. चौबीस तीर्थंकर भगवंतों के चौबीस शासन देव ” तिलोयण्णत्ति के अनुसार ये सभी शासन देव संबंधित तीर्थंकरों के समवसरण में रहते हैं अतः ये सम्यग्दृष्टि होते हैं” आचार्य पूज्यवाद स्वामी ने इनके लिए अर्ध्य बनाए हैं एवं अनेक प्राचीन ग्रंथों में इनके अर्ध्य के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय भोक्ता भोग्यभाव – Nishchaya Bhoktaa Bhogyabhaava. Absolute consuption of self (self engrossment). शुद्धात्मा ही भोग्य अर्थात अनुभव करने योग्य है तथा शुद्धात्मा ही भोक्ता अर्थात् अनुभव करने वाला है, ऐसा निश्चय कर में स्थिर हो जाना ” यह मुनि अवस्था में ही घटित होता है “
गन्धर्व Ruling demigod of Lord kunthunath, An art of music. कुंथुनाथ का शासन यक्ष, संगीत विद्या । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांत्यष्टक –Shantyshtka. A spiritual hymn written by Acharya Pujyapad. आचार्य पूज्यपाद (ई.श. 5) द्वारा रचित संस्कृत शांतिभक्ति के प्रारंभिक 8 श्लोक “