तैजस द्रव्य वर्गणा!
तैजस द्रव्य वर्गणा A type of aggregates of karmic molecules producing lustre in body. 23 वर्गणाओं में एक वर्गणा, जो शरीर को कांति देती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तैजस द्रव्य वर्गणा A type of aggregates of karmic molecules producing lustre in body. 23 वर्गणाओं में एक वर्गणा, जो शरीर को कांति देती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चारूदत्त चारित्र A book written by Acharya Somkirti. आचार्य सोमकीर्ति भट्टारक (ई. १४७४) कृत का एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चेतना Consciousness, Vigour, Vitality. जिस शक्ति के सानिध्य से आत्मा ज्ञाता- दृष्टा अथवा कर्ता – भोक्ता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तिलका A city in the north of Vijayardh mountain. विजयार्थ की उत्तर श्रेणी का एक नगर। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चिदम्बर An addressing word for one at the supreme spiritual state. चैतन्य ही है अम्बर अर्थात् वस्त्र जिनका , ऐसी अर्हन्त – सिद्ध आत्मा को चिदम्बर शब्द से संबोधित किया है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तिर्यग्गतिप्रायोग्यानुपूर्वी Existence of old body form before taking the new birth (reg. Tiryanch Gati). वह नामकर्म जिसके उदय से तिर्यचगति में जाते हुए विग्रहगति में पूर्व के शरीर के आकार के समान जीव (आत्मप्रदेश ) का आकार बना रहे। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
घ्राण Nose-a smelling sense. नासिका ; ५ इन्द्रियों में तीसरी इन्द्रिय ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्त्यानगृद्वि – Styanagraddhi. To commit abnormal activity in the state of somnambulism (walking habit in the sleeping state).5 निद्रांओ मे एक निन्द्रा, स्वप्न मे उठकर व्यक्ति कोई भयानक असाधारण कार्य करके पुनः सो जाये।
तिर्यंच पंचेन्द्रिय All animals (except human beings) having 5 sense-organs. मनुष्य को छोडकर पांच इंन्द्रियों वाले समस्त पशु पक्षी इत्यादि जीव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]