च्यवन कल्प!
च्यवन कल्प Avoiding infractions in right perception, knowledge and conduct. दर्शन ज्ञान चारित्र के अतिचारों का टालना च्यवन कल्प कहा जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
च्यवन कल्प Avoiding infractions in right perception, knowledge and conduct. दर्शन ज्ञान चारित्र के अतिचारों का टालना च्यवन कल्प कहा जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वतोभद्र व्रत – Sarvatobhadra Vrata. A particular procedural vow (fasting). विधि पूर्वक लघुविधि में कुल 75 उपवास एवं वृहत् विधि में कुल 196 उपवास और त्रिकाल नमस्कार मंत्र की जाप करना ।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == केवलज्ञान : == तह य अलोयं सव्वं तं णाणं सव्व—पच्चक्खं।। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : २५४ जो द्रव्य—पर्याय से युक्त संपूर्ण लोक को और संपूर्ण अलोक को (सब कुछ को) प्रकाशित एवं प्रत्यक्ष करता है, वह केवलज्ञान हुआ करता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्व – Sarva. All, whole, universal, entire. संपूर्ण, समग्र, सब, सकल।
ईसान Name of a direction ‘Disha’, Name of a heavenly mode. पूर्वोत्तर कोण वाली विदिशा (एक दिशा का नाम) कल्पवासी स्वर्गों का दूसरा कल्प।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चित्रा Name of a lunar, A female deity of Ruchak mountain. एक नक्षत्र : पद्मप्रभु भगवान के गर्भ नक्षत्र का नाम , रूचक पार्कात निवासिनी एक दिक्कुमारी देवी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सरस्वतीमंत्रकल्प – Sarasvateemamtrakalpa. Name of a book written by Acharya Malishen. आचार्य मल्लिषेण कृत तंत्र-मंत्र विषयक संस्कृत भाषाबद्व रचना।
चित्तरक्ष Father’s name of Lord Dharmanath (of past birth). धर्मनाथ भगवान के पूर्व भव के पिता का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्मिथ्याचारित्र – Samyagmithyaacaaritra. Right-cum-wrong conduct. चारित्र मोह की एक प्रकृति जिसके उदस से यथार्थ व मिथ्या दोनो प्रकार का मिश्रित आचरण है।