स्थिति सत्त्व स्थान!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति सत्त्व स्थान – Sthiti Sattva sthaana. Existing places of karmic states.अविचल, कर्मों की स्थिति के सत्ता रुप विविध स्थान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति सत्त्व स्थान – Sthiti Sattva sthaana. Existing places of karmic states.अविचल, कर्मों की स्थिति के सत्ता रुप विविध स्थान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संस्थान विचय – Sansthaana Vichaya. A type of religious contemplation about different dimensions of Teen Lok- three worlds. धर्मध्यान का चौथा भेद ” तीन लोक के संस्थान प्रमाण, भेद आदि का चिंतन करना ” इसके पिंडस्थ, पदस्थ, रूपस्थ और रूपातीत ये 4 भेद हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संज्ञ – Sangya. Mind, mental power. मन ” जो भली प्रकार जानता हैं उसको संज्ञ अर्थात मन कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति अपसरण – Sthiti Apasarana. Reduction in duration of bound Karmas.कर्मों की स्थिति का क्रम से धटना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सचित्त त्याग प्रतिमा – Sachitta Tyaaga Pratimaa. The 5th model stage of spiritual development of lay follower related to the renunciation of raw vegetation (without making pieces of it) etc. श्रावक की 11 प्रतिमाओं में 5वीं प्रतिमा; कच्चे फल-फूल , बीज, पत्ते, आदि नही खाना, इन्हें छिन्न-भिन्न करके, लवण आदि मिलाकर या गरम आदि…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थान – Sthaana. Place, position. जगह। जिसमे संख्या अथवा जिस अवस्था विशेष मे प्रकृतियाॅ ठहरती है उसे स्थान कहते है। स्थान, स्थिति और अवस्थान तीनो एकार्थक है। अविभाग प्रितिच्छेदो का समूह वर्ग, वर्ग का समूह वर्गणा का समूह स्पर्धक, स्पर्धक का समूह गुणहानि और गुणहानि का समूह स्थान है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्षण निमित्तज्ञान – अश्टांग निमित ज्ञान का छठा अंग, षारिरिक चिन्ह देखकर मनुश्य के ऐष्वर्य व दरिद्री आदि का ज्ञान होना। Laksana Nimittajnana-A type of knowledge gained through different marks of the body
चेष्टा Endeavour, Gesture, Activity. किसी वस्तु के लेने व छोड़ने के लिए सक्रिय होना , प्रयत्न या प्रयास करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थविर कल्प – Sthavira Kalpa. Code of conduct of Jana saint.समस्त वस्त्र आदि परिग्रह का त्याग करके दिगम्बर होना। 13 प्रकार के चारित्र व 28 मूलगुणो को धारण करना, हीन संहनन होने के कारण नगर आदि मे विहार करना, चारित्र भंग न हो ऐसे उपकरणो को रखना, षिष्यो का पालन करना यह सब हीन…