छिद्र(घटाछिद्र)!
छिद्र(घटाछिद्र) Hole, opening, A type of listener, totally unable to understand any preaching. छेद, श्रोता का एक भेद- जिसके हृदय में कुछ भी उपदेश नहीं ठहरे ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
छिद्र(घटाछिद्र) Hole, opening, A type of listener, totally unable to understand any preaching. छेद, श्रोता का एक भेद- जिसके हृदय में कुछ भी उपदेश नहीं ठहरे ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वानशन – Sarvaanashana. A type of great austerity pertaining to renunciation of food upto holy death. अनषन तप के दो भेदों में एक भेद, मरण समय में अर्थात् सन्यास काल में मुनि सर्वानषन तप करते है। भक्तप्रत्याख्यान, इंगिनीमरण, प्रायोपगमनमरण अथवा अन्य भी अनेकों प्रकार के मरणों में जो मरण प्र्यत आहार का त्याग करना…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतरागचारित्र –Vitaragacharitra. Deep engrossment in meditation by great Jainasainits. रागादि विकल्पों से रहित होकर आत्मा में रमणता या लीनता ” शुक्ल्ध्यान, शुध्दोपयोग, उपेक्षा संयम, निश्चय चारित्र, वीतरागचारित्र ये एकार्थवाची हैं ” ये सम्यग्दृष्टि जीवों के होता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतेश – Bhutesha. Name of an Indra (celestial being). भवनवासी देवों के २० इन्द्रों में तीसरा इंद्र “
तंत्रवार्तिक टीका Name of a book written by Someshvar Bhatta. मीमांसा दर्शन की कुमारिल भटट द्वारा रचित एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेगवती –Vegavati Name of a river of Bharat Kshetra (region) भरतक्षेत्र की एक नदी “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैक्रियिक शारीर –VaikriyikaSarira Transformable body (of deities, hellish beings & great saints). औदारिक आदि ५ शरीरो में दूसरा शरीर, विर्किया ही जिस शरीर का प्रयोजन है वह वैक्रियिक शरीर कहलाता है वैक्रियिक शरीर उपपाद जन्म से देव, नारकियों को व ॠध्दि से महानुनियो को प्राप्त होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वयज्ञ – Sarvayagya. Name of the 29th chief disciple of Lord Rishabhdev. भगवान ऋषभदेव के 25 वें गणधर ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर्य प्रवाद –ViryaPravada A part of Shrutgyan (scriptural knowledge) containing the description of the power of soul. दृष्टिवाद – १२वे अंग का तीसरा पूर्व, जिसमे आत्मा – अनात्मा की शक्ति का कथन हैं ” इसके ७० लाख माध्यम पद हैं “
च्युति A falling, Perishing, Transmigration of deities. विमानवासी देवों की गति उत्तम है , इसलिए उनके मरण के किए च्युत शब्द का प्रयोग किया है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]