खानदान और खानपान शुद्धि का महत्त्व
खानदान और खानपान शुद्धि का महत्त्व -पं. शिवचरनलाल जैन, मैनपुरी (उ.प्र.) वन्दे धर्मतीर्थेशं, श्रीपुरुदेवपरम् जिनम्। दानतीर्थेशश्रेयासं चापि शुद्धिप्रदायकम्।। जातिकुलशुद्धिमादाय, अशनपानपवित्रताम्। परमस्थानसंप्राप्ता: विजयन्तु परमेष्ठिन:।।स्वोपक्ष।। मैं धर्मतीर्थ, व्रत तीर्थकर्ता उत्कृष्ट प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान और शुद्धि प्रदायक दानतीर्थेश श्रेयांस को प्रणाम करता हूँ। जिन्होंने जाति, कुल शुद्धि और भोजनपान की शुद्धि प्राप्त कर सप्त परमस्थानों सहित…