क्रोध कषाय!
जो आत्मा को कषे अर्थात् दु:ख दे या पराधीन करे उसे कषाय कहते हैं। कषाय के चार भेद हैं-क्रोध, मान, माया और लोभ।क्रोध गुस्से को कहते हैं। इससे दूसरों का बुरा होने से पहले अपना बुरा हो जाता है। कमठ ने अपने छोटे भाई मरुभूति की स्त्री से व्यभिचार किया। तब राजा ने उसे दण्ड…