मोक्षमार्गता में संस्कार की महत्ता,!
मोक्षमार्गता में संस्कार की महत्ता १. निषद्या संस्कार — (५ माह बाद) प्राय: पांचवे माह में बालक को बैठने की क्रिया की जाती है। पिसी हल्दी का चौक पूर कर पाटे पर उसे समय पूर्व मुख कर सुखासन से बैठाऐं तथा नीचे लिखे मंत्र पाठ से मस्तक पर पुष्प डालें— ‘‘दिव्य सिंहासन भावी भव, विजय…