रत्नत्रय धर्म
रत्नत्रय धर्म लेखक—उपाध्याय श्री भरतसागर महाराज संघस्थ आ. श्री विमलसागर जी महाराज संसार की प्रत्येक वस्तु का अपना स्वभाव है, धर्म है। धर्म प्राणी मात्र के लिये है। आज मानव—मस्तिष्क में प्रश्न है कि धर्म क्या चीज है ? कार्ल माक्र्स ने धर्म को अफीम की गोली बताया, किसी ने इसे पाखण्ड माना, अनेक लोगों…