Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
  • विशेष आलेख
  • पूजायें
  • जैन तीर्थ
  • अयोध्या

Category: स्वाध्याय करें

Home Archive by Category "स्वाध्याय करें" (Page 85)

सात तत्त्व, नव पदार्थ

August 10, 2013jambudweepBal Vikas Part-2

सात तत्त्व-नव पदार्थ वस्तु के यथार्थ स्वभाव को तत्त्व कहते हैं। उसके सात भेद हैं- जीव, अजीव, आस्रव, बंध, संवर, निर्जरा और मोक्ष। जीव- जिसमें ज्ञान-दर्शनरूप भावप्राण और इंद्रिय, बल, आयु, श्वासो-च्छ्वास रूप द्रव्यप्राण पाये जाते हैं, वह जीव है। अजीव- इससे विपरीत लक्षण वाला अजीव तत्त्व है अर्थात् जीव से भिन्न पांचों द्रव्य अजीव…

स्वर्गों के नाम व सुख

August 10, 2013jambudweepBal Vikas Part-2

स्वर्गों के नाम व सुख अिंरजय- गुरुदेव! दूसरे भाग में हमने पढ़ा है कि पुरुरवा भील भी मांसादि का त्याग करने से पहले स्वर्ग में देव हो गया है, सो पहले स्वर्ग का नाम क्या है? मुनिराज— हां सुनो! मध्यलोक के ऊपर सात राजू में स्वर्ग आदि हैं। पहले सोलह स्वर्गों के नाम सुनो। सौधर्म-ईशान,…

नरक के नाम और दु:ख

August 10, 2013jambudweepBal Vikas Part-2

नरक के नाम और दु:ख  अिंरजय-हे गुरुदेव! पहले भाग में हमने पढ़ा था कि सुभौम चक्रवर्ती मरकर सातवें नरक गया है, सो यह सातवाँ नरक कहाँ है ? और इसका क्या नाम है ? लोग कहते हैं कि नरक में दु:ख ही दु:ख हैं, सो क्या यह सही बात है ? मुनिराज- हाँ अिंरजय! मैं…

दर्शन पाठ का हिन्दी पद्यानुवाद

August 9, 2013jambudweepBal Vikas Part-2

दर्शन पाठ का हिन्दी पद्यानुवाद जिनदेवदेव का दर्शन यह, सब पाप नाश करता क्षण में। यह स्वर्गगमन की सीढ़ी है, मुक्ती का साधन है सच में।।१।। श्री जिनवर के दर्शन से, साधूगण के भी वन्दन से । छिद्र सहित अञ्जुिल जल सम, चिरकाल पाप निंह ठहर सकें।।२।। श्री वीतराग मुख पद्मरागमणि, प्रभसम अवलोकन करके। जन्म-जन्म…

चैत्य वन्दना

August 6, 2013jambudweepBal Vikas Part-2

चैत्य वन्दना मध्यलोक के चार शतक, अट्ठावन अकृत्रिम मंदिर । सबमें इक सौ अठ जिन प्रतिमा, वंदूँ मैं मस्तक नतकर ।। आठ कोटि औ छप्पन लाख, सहस सत्तानवे चार शतक । इक्यासी जिनगृह अकृत्रिम, तीन लोक के नमूँ सतत ।।१।। नव सौ पच्चीस कोटि त्रेपन, लाख सत्ताइस सहस प्रमाण । नव सौ अड़तालिस जिनप्रतिमा, शिव…

दस धर्म के मुक्तक

August 6, 2013jambudweepDaslakshan muktak

दश धर्म के मुक्तक उत्तम क्षमा- सब कुछ अपकार सहन करके, शत्रु पर पूर्ण क्षमा करना। यह क्रोध अग्नि को शीतल जल, इससे सब चित्त व्यथा हरना।। कमठासुर ने भव-भव में भी, उपसर्ग अनेकों बार किया। पर पाश्र्व प्रभू ने सहन किया, शांति का ही उपचार किया।।१।। उत्तम मार्दव- मृदुता का भाव कहा मार्दव, यह…

सूर्य-चन्द्र के बिम्ब की सही संख्या

August 5, 2013jambudweepjain jyotirlok

सूर्य-चन्द्र के बिम्ब की सही संख्या    सर्वत्र ज्योतिर्लोक का प्रतिपादन करने वाले शास्त्र तिलोयपण्णत्ति, त्रिलोकसार, लोकविभाग, श्लोकवार्तिक, राजवार्तिक, आदि ग्रन्थों में सूर्य के विमान योजन व्यास वाले एवं इससे आधे योजन की मोटाई के हैं और चन्द्र विमान योजन व्यास वाले एवं योजन की मोटाई वाले हैं। परन्तु राजवार्तिक ग्रन्थ जो कि ज्ञानपीठ से…

सदगृहस्थ

July 26, 2013jambudweepGyanmati Mataji 's Pravchan

सद्गृहस्थ भव्यात्माओं! आगम ग्रंथों में पाक्षिक श्रावक का विशेष लक्षण बताते हुए आचार्यों ने कहा है कि जो श्रावक जिनेन्द्रदेव की आज्ञा से निरन्तर ही विषयों को छोड़ने योग्य समझता हुआ भी मोह के निमित्त से उन्हें छोड़ने के लिए असमर्थ है। उस गृहस्थ के लिए ही गृहस्थ धर्म पालने की अनुमति है। उस गृहस्थ…

स्वरुपाचरण चारित्र

July 9, 2013jambudweepPravachan Nirdeshika

”स्वरूपाचरण चारित्र” यहाँ आप स्वरूपाचरण चारित्र के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। मैंने अनेक ग्रंथों का स्वाध्याय किया है, अपने दीक्षा गुरु आचार्यश्री वीरसागर महाराज के मुख से बहुत कुछ सुना है लेकिन स्वरूपाचरण चारित्र का नाम नहीं सुना। अनगार धर्मामृत, समयसार, प्रवचनसार आदि ग्रंथों में भी कहीं स्वरूपाचरण का नाम नहीं आया है। हाँ,…

धर्म का लक्षण

May 28, 2013jambudweepCharnanuyog

धर्म का लक्षण ‘‘जो संसार के दुख से प्राणियों को निकालकर उत्तम सुख में पहुँचाता है, वह धर्म है।’’ ‘‘रत्नत्रय स्वरूप धर्म के ईश्वर ऐसे श्री जिनेन्द्र भगवान सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान और सम्यक्चारित्र को धर्म कहते हैं। इनसे विपरीत मिथ्यादर्शन, मिथ्याज्ञान और मिथ्याचारित्र संसार के कारण होते हैं।’’ सम्यग्दर्शन ‘‘सच्चे देव, शास्त्र, गुरु का तीन मूढ़ता…

Posts navigation

< 1 … 82 83 84 85 86 >

Recent Posts

  • Lord Anantnath
  • Lord Vimalnath
  • Lord Vasupujya
  • Lord Shreyansnath
  • Lord Sheetalnath

Categories

  • Ayodhya
  • Dictionary
  • Encyclopedia Board
  • Gallery
  • General Knowledge
  • Inspirative quotations
  • Jain Bhajans
  • Jain Teerth
  • Jain Worship
  • Jainism
  • Kids Corner
  • News
  • Special Articles
  • Special Personalities
  • Study Material
  • Tattwarth Sutra
  • Uncategorized
  • अन्य स्थानों से प्रकाशित ग्रंथ
  • अहिंसा एवं शाकाहार
  • ऋषभगिरि मांगीतुंगी
  • ऑडियो
  • कविताएँ
  • कहानियाँ
  • गौतम गणधर वाणी
  • ग्रन्थ भण्डार
  • चन्दनामती माताजी
  • जनरल नॉलेज
  • जिनेन्द्र भक्ति
  • जैन जातियां
  • जैन तीर्थ
  • जैन पुरातत्त्व
  • जैन विद्वान
  • जैन व्रत
  • जैनधर्म
  • जैनधर्म की गौरव गाथा
  • जैनधर्म प्रश्नोत्तरी
  • ज्ञानमती माताजी
  • ज्योतिष
  • तीर्थंकर जन्मभूमियाँ
  • नाटक
  • पत्र पत्रिकाएँ
  • पर्व
  • पूजायें
  • प्राकृतिक चिकित्सा
  • फोटोज
  • भजन
  • मंत्र संग्रह
  • वास्तु
  • विशिष्ट व्यक्तित्व
  • विशेष आलेख
  • वीडियो
  • शब्दकोष
  • शोध आलेख
  • समाचार
  • सम्यग्ज्ञान पत्रिका
  • साधू साध्वियां
  • स्वाध्याय करें

Archives

  • March 2023
  • February 2023
  • January 2023
  • December 2022
  • November 2022
  • October 2022
  • September 2022
  • August 2022
  • July 2022
  • June 2022
  • May 2022
  • December 2020
  • November 2020
  • October 2020
  • September 2020
  • August 2020
  • July 2020
  • June 2020
  • May 2020
  • April 2020
  • March 2020
  • February 2020
  • January 2020
  • December 2019
  • November 2019
  • October 2019
  • September 2019
  • August 2019
  • July 2019
  • June 2019
  • May 2019
  • April 2019
  • March 2019
  • February 2019
  • January 2019
  • December 2018
  • November 2018
  • October 2018
  • September 2018
  • August 2018
  • July 2018
  • June 2018
  • May 2018
  • April 2018
  • March 2018
  • February 2018
  • January 2018
  • December 2017
  • November 2017
  • October 2017
  • September 2017
  • August 2017
  • July 2017
  • June 2017
  • May 2017
  • April 2017
  • March 2017
  • February 2017
  • March 2016
  • February 2016
  • January 2016
  • December 2015
  • November 2015
  • October 2015
  • September 2015
  • August 2015
  • July 2015
  • June 2015
  • May 2015
  • April 2015
  • March 2015
  • February 2015
  • January 2015
  • December 2014
  • November 2014
  • October 2014
  • September 2014
  • August 2014
  • July 2014
  • June 2014
  • May 2014
  • April 2014
  • March 2014
  • February 2014
  • January 2014
  • December 2013
  • November 2013
  • October 2013
  • September 2013
  • August 2013
  • July 2013
  • June 2013
  • May 2013
  • April 2013
Privacy Policy