श्री अभिनंदननाथ स्तुति:
श्री अभिनंदननाथ स्तुति (सप्तविभक्ति समन्वित) अभिनन्दननाथस्त्वं, भव्यानंदप्रदायक:।अभिनंदननाथं त्वा-माश्रयन्ति जना मुदा।।१।। अभिनंदननाथेन, प्रोक्ता सिद्धेर्विधिर्भुवि।अभिनंदननाथाय, नमोऽस्तु त्रिविधं मम।।२।। अभिनंदननाथाद् हि, स्वात्मानंदं वितन्वते।अभिनंदननाथस्य, वाणी स्वात्मसुखाकरा।।३।। अभिनन्दननाथेऽहं, कुर्वे भक्तिं शिवप्रदां।अभिनंदननाथ! त्वं, ईप्सितं मम पूरय।।४।। (हिन्दी काव्य) निज आत्म सुखामृत सारभूत!, भय शोक मान से रहित सदा।हे वीतराग परमात्मप्रभो!, तुमको नमोऽस्तु हो मुदा सदा।।सकलज्ञ सूर्य! सुखरत्नाकर, हे सर्वलोकमणि तीर्थंकर।हे जगत्पिता...