सरस्वती माता की स्तुति-2
				सरस्वती माता की स्तुति रचयित्री-प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनामती शेर छन्द- कमलासिनी श्रुतधारिणी माता सरस्वती। जिनशासनी अनुगामिनी माता सरस्वती।। है द्वादशांग रूप से निर्मित तेरी काया। सम्यक्त्व तिलक माथे पे चारित्र की छाया।। विद्वानों से भी पूज्य तुम माता सरस्वती। जिनशासनी अनुगामिनी माता सरस्वती।।१।। जिनवर की मूर्ति तेरे मस्तक पे राजती। वन्दन करें जो उनकी ज्ञान शक्ति...			
		 
				
			 
				
			 
				
			 
				
			