विभ्रम!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभ्रम – Vibhrama. Confusion, Agitation. व्स्तुस्वरूप का अज्ञानपना ही विभ्रम है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभ्रम – Vibhrama. Confusion, Agitation. व्स्तुस्वरूप का अज्ञानपना ही विभ्रम है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संज्वलन – Sanjvalana. A passion, which disturbs perfect conduct. एक कषाय; जो यथाख्यात चारित्र का घात करती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति कांडक धात – Sthiti Kamdaka Ghaata. A type of destruction of karmic states.विवक्षित स्थिति समूह का धात करना स्थिति काण्डकधात है। यह एक अन्तर्मुहूर्त मे निष्पन्न होता है।
त्रिकाली पर्याय Practice of equanimity three times a day. तीन कालों में क्रम से होने वाली अनंत पर्यायें ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विलास – Vilasa. Flirthing, Merriment, enjoyment. आनंद, मनोरंजन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थानांतर गमन – Sthaanaamtara Gamana. The activity of going from one place to another (by saints on getting obstacle at one food taking place).एक स्थान से उठकर अन्यत्र चले जाने योग्य अवसर, भोजन के स्थान पर यदि कीड़ा आदि तुच्छ जन्तु चलते फिरते नजर आ जाये या ऐसा ही कोई दूसरा निमित उपस्थित हो…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नादग्रह – Nadagraha A part of the palace of deities भवनवासी देवों के भवनों में एक कक्ष ”
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शिथिलाचारी : == सन्त्येकेभ्यो भिक्षुभ्य:, अगारस्था: संयमोत्तरा:। अगारस्थेभ्य सर्वेभ्य:, साधव: संयमोत्तरा:।। —समणसुत्त : २९८ यद्यपि शुद्धचारी साधुजन सभी गृहस्थों से संयम में श्रेष्ठ होते हैं तथापि कुछ (शिथिलाचारी) भिक्षुओं की अपेक्षा गृहस्थ संयम में श्रेष्ठ होते हैं।
चतुर्भुज Quadrilateral, four-armed figure. चार भुजाओं वाला ;समान्तर भुजाओं से बना हुआ चित्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]