देशीय गण!
देशीय गण A branch of Nandisangh. नंन्दिसंघ की एक शाखा।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमदंड–Yamdand. Name of a minister of Ravan, A weapon of super power. रावणका एक मंत्री, एक विध्यास्त्र”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयत – Sanyata. One with control & restraints, Another name of Digambar Jaina saint. महाव्रती श्रमण संयत कहलाता है ” संयत जीव छठे से चौदहवें गुणस्थान तक 9 गुणस्थानों में पाये जाते हैं ” दिगम्बर मुनि का अपरनाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध नय – Shuddha Naya. Standpoint related to purity believing soul as a supreme one. जो नय आत्मद्रव्य को निरुपाधि स्वभाववाला (ब्रह्मरूप) ग्रहण करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमूर्च्छन – Sammoorchchhana. Spontaneous birth (formation of body organs or limbs by surrounding matter). जो जीव स्त्री-पुरुष के संयोग के बिना ही वातावरण में बिखरे हुए परमाणुओं के योग से उत्पन्न होते हैं वे संमूर्च्छन कहलाते हैं ” सभी प्रकार के पेड़-पौधे, शेष एक इन्द्रिय तथा दो इन्द्रियादि कीड़े-मकोड़े आदि “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूढ़शिष्य–Muudhshishya. An ignorance disciple. अज्ञानी, अविवेकी शिष्य जिसे उपदेश देना व्यर्थ होता है”
देवेन्द्रकीर्ति Name of Bhattaraks (of Nandisangh etc.) नन्दिसंघ सूरत शाखा के आद्य भट्टारक (ई. 1393-1442). कथाकोष आदि के रचयिता सांगानेर के भट्टारक (वि. 1640-1662)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वायुकायिक – Vaayukaayika.: Air-bodies beings (one sensed). स्थावर जीवों का एक भेद , वायु ही जिसका शरीर है उसे वायुकायिक जीव कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुनर्विवाह – Punarvivaha. Remarriage. एक बार विवाह करने के बाद पुनः दूसरा विवाह करना.प्राचीन भारतीय संस्कृति के अनुसार स्त्रियों का पुनर्विवाह वर्जित है “
देव ऋद्धि दर्शन A cause of attainment of right faith (perception). सम्यग्दर्शन की उत्पत्ति का एक कारण सौधर्मेन्द्रादिक देवों की महाऋद्धियों को देखकर सामान्य मिथ्यादृष्टि देवों में सम्यग्दर्शन की उत्पत्ति होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]