शुभ उपशम!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ उपशम – Shubha Upashama. Right subsidence. प्रशस्त उपशम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ उपशम – Shubha Upashama. Right subsidence. प्रशस्त उपशम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरदेव- Suradeva. Name of the 2nd predestined Tirthankar (Jaina-Lord). भावीकालीन दूसरे तीर्थकर ।
चतुर्भुज समलम्ब Trapezium. चार भुजाओं वाला चित्र जिसमें आमने-सामने की कोई दो भुजाएं समान्तर होती हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == दया : == दयामूलो भवेद्धर्मो दया प्राण्यनुकम्पनम्। दयाया: परिरक्षार्थं गुणा: शेषा: प्रर्कीितता:।। —आदिपुराण : ५-२७ धर्म का मूल दया है। प्राणी पर अनुकम्पा करना दया है। दया की रक्षा के लिए ही सत्य, क्षमा शेष गुण बताए गए हैं। मा हससु परं दुहियं कुणसु दयं णिच्चमेव दीणम्मि। —कुवलयमाला :…
चतुर्विधामर Four types of deities. ४ निकाय के देव -भवनवासी ,व्यंतर ,ज्योतिष्क ,वैमानिक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समपाद तप – Sampaada Tapa. A type of physical mortification standing on feet keeping them straight. कायक्लेश तप का एक भेद। जिसमे दोनो पैर समान रखे जाये।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम अनन्त – Madhyam Anant. A mathematical term. एक गणितीय पद ” संख्यामान के 21 भेदों में एक भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सकलचारित्र – Sakalachaaritra. Conduct devoid of all attachments & possessions. समस्त प्रकार के परिग्रह से रहित होकर 5 महाव्रतों को धारण करना सकल चारित्र है, यह मुनियों के होता है “