ईहावरणीय कर्म!
ईहावरणीय कर्म An obscurring karma of keen desire or curiosity. जिज्ञासा एंव इच्छाओं को रोकने वाला कर्म जिसके तीव्र क्षयोपशम से पदानुसारी बुद्धि प्राप्त होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईहावरणीय कर्म An obscurring karma of keen desire or curiosity. जिज्ञासा एंव इच्छाओं को रोकने वाला कर्म जिसके तीव्र क्षयोपशम से पदानुसारी बुद्धि प्राप्त होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वायुधारणा – Vaayudhaaranaa.: Specified activity of deep meditation. पिण्डस्थ ध्यान की पांच धारणों में से यह ध्यानरूप धारणा है “
आरोप Allegation, Accusation, Blame. दोष लगाना अध्यारोपण एक वस्तु के गुणों को दूसरी वस्तु में आरोपित करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाहुबली – Bahubali. thumb”Gommateshwara statue, installed by chamundrai in the year 981 in Shravanbelgol (Karnatak).]] भगवान ऋषभदेव की रानी सुनंदा के पुत्र, सुन्दरी के भाई जो सुंदरता में इस युग के प्रथम ‘कामदेव, थे “कठिन तपश्चरण कर कैलाशपर्वत से मोक्ष गये ” इनकी ऊंचाई सवा पाँच सौ धनुष (२१०० हाथ) की थी…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल स्वभाव – Pudgala Svabhava. Pure (particle) forms of the matter. पुद्गल द्रव्य का शुध्द (परमाणु) रूप होना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य प्रमेय – Bahya Prameya. External materials (non- spiritual). बाह्य पदार्थ , जो प्रमाण से जाने जाये “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गलक्षेप – Pudgalaksepa. An infraction of Deshvrat- to throw stone etc. intentionally out of the restricted area of one to solve own purpose. देशव्रत का एक अतिचार; प्रणाम किये हुए स्थान से बाहर कंकड़ आदि फेंककर अपना प्रयोजन सिध्द करना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेघचारण ऋद्धि–Meghacharan Riddhi. A type of super natural power (moving on clouds). चारण ऋद्धि का एक भेद; जिसके प्रभावसे मुनि अप्कायिक जीवो को पीड़ा न पहुचाकर मेघो पर से गमन करते है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यकर्म – Punyakarma. Auspicious consequences of Karmas. वह कर्म जिससे इष्ट पदार्थों की प्राप्ति होती है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचर्य तप ऋध्दि – Brahmacarya Tapa Rddhi. A type of supernatural power (pertaining to celi- bacy). एक ऋध्दि; इस ऋध्दिधारी मुनिध्वरों के प्रभाव से ईति, भीती, युद्ध , दुर्भिक्षादि शांत हो जाते हैं”