छत्रसेन!
छत्रसेन Name of a Bhattarak of Sen group and an another Acharya. सेन संघ के एक भट्टारक एवं अन्य आचार्य का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
छत्रसेन Name of a Bhattarak of Sen group and an another Acharya. सेन संघ के एक भट्टारक एवं अन्य आचार्य का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वगतत्त्व – Sarvagatatva. State of omnipresence, Pervasion. सर्वज्ञत्वपना ” सर्वव्यापी
दूरापकृष्टि A type of Krishti (gradual destruction of passions). कर्मों का स्थितिकाण्डकघात होते-होते जब सबसे जघन्य पल्योपम के संख्यातवें भाग प्रमाण स्थिति शेष रह जाती है वह स्थिति दूरापकृष्टि है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्सुखी Name of a Vedant treatise written by वेदान्त स्दाहित्य प्रवर्तक चित्सुखाचार्य (ई.१२५०) द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग संयम – Saraaga Sanyama. Self control with slight attachment (reg. Jaina-saints). सातावेदनीय कर्म एवं देवायु के आस्त्रव का एक कारणः राग सहित मुनियो का चारित्र। यह छठे से दसवें गुणस्थान तक होता है। इसे क्षायोपशमिक चारित्र कहते है। जहाॅ संज्वलन कषाय व नोकषाय का यथासंभव उदय होता है।
तपोवृद्ध Saints more experienced or senior in austerities. तप करने में जो बडे अर्थात् अनुभवी है।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चित्र A picture, A painting, Sketch, Name of a Jain temple in Nandan forest of Meru mountain and an another mountain. चित्तशक्ति या अनुभव का नाम चित्त है , वह चित्त ही जिसका त्राण या रक्षण है , उसे चित्र कहते हैं मेरू के नंदनवन में एक जिनमन्दिर का नाम , सीता के पूर्व तट…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्मिथ्यादृष्टि – Samyagmithyaadristi. One with right & wrong faith. जो जीव सम्यग्मिथ्यात्व सहित हो।
दृष्टिप्रवाद A part of scriptural knowledge (Shrutgyan). द्वादशांग श्रुत का 12 वाँ अंग जिसमें 363 मिथ्यात्व मतों का निराकरण है, यह दृष्टिवाद का अपरनाम है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]