भाव संग्रह!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव संग्रह – Bhava Samgraha. A book written by Acharya Devasen. आचार्य देवसेन (वि. १००५) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव संग्रह – Bhava Samgraha. A book written by Acharya Devasen. आचार्य देवसेन (वि. १००५) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातिहार्य- आषेक वृक्ष, तीन छत्र, रत्नमय सिंहासन, दिव्यध्वनि, दुन्दुभिनाद, पुश्पवृश्टि, प्रभामण्डल, चैंसठ चमरयुक्तता ये अरिहंत भगवान के 8 प्रातिहार्य कहलाते हैं। Pratiharya- Eight auspicious emblems of lord Arhant
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मप्रभनाथ: Namme of the 6th Tirthankar (Jaina-Lord). वर्तमान छठे तीर्थकर का नाम । आप महाराजा धरणराज एवं महारानी सुसीमा के पुत्र थें आपका जन्म कार्तिक कृ0 13 एवं मोक्ष फाल्गुन कृ0 4 को हुआ । आपका वर्ण क्षत्रिय, वंश- इक्ष्वाकु, देहवर्ण-पùरागमणि सदुश, चिन्ह-लाल कमल एवं आयु-तीस लाख पूर्व वर्ष थी । आपकी जन्मभूमि कोशाम्बी…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्कर – Bhaskara. Rediant, shining, The Sun, Name of a literary person. दैदीप्यवान, प्रकाशवान, सूर्य , एक मीमांसा दर्शन के साहित्य प्रवर्तक जिन्होंने जैमिनी सूत्र पर अर्थसंग्रह नामक टीका लिखी “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणत (देव)- कल्पवासी देवों का एक भेद। Pranata (Deva)- A type of heavenly deities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मकीर्ति : Name of Bhattarak of Sen Group. कपासणाहचरिउ के रचयिता एक सेनसंधी भटटारक ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैजयंत स्वर्ग –VaijayaintaSavrga. The forth heavenly abode of among 5 Anuttars (heavens). ५ अनुत्तरों में चौथा उत्तर दिशा का विमान “
ट The eleventh consonant of the Devanagari syllabary.देवनागरी लिपि का ग्यारहवाँ व्यंजन अक्षर, इसका उच्चारण स्थान मूर्धा है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिस्तत्त्व- तत्त्व का एक भेद; तत्त्व बहिस्तत्त्व और अन्तस्तत्त्वरुप परमात्मा तत्त्व ऐसे भेदों वाले होते है। Bahistattva- The external element
दधिमुख Name of particular 16 mountains in Nandishvardvip (island). नंदीश्वर द्वीप की 16 वापियों के मध्य स्थित दही के समान 16 सफेद वर्ण के पर्वत। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]