उपबृंहण!
उपबृंहण Strengthening faith, Development of one’s spiritual qualities. उत्तमक्षमादि भावनाओं के द्वारा आत्मगुणों की वृद्धि करना। अपरनाम उपगूहन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपबृंहण Strengthening faith, Development of one’s spiritual qualities. उत्तमक्षमादि भावनाओं के द्वारा आत्मगुणों की वृद्धि करना। अपरनाम उपगूहन।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजिष्णु – Vijishnu.: One of the 88 planets(71th). ज्योतिष के 88 ग्रहों में 71वां ग्रह “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंडल: Sphere, zone, region. प्राणायाम सम्बन्धी अग्रि मंडल, आकाश मंडल, जनपद आदि “
उपयोग (शुभ) Gracious attention. दया दान पूजा व्रत शील आदि रुप रागरुप परिणाम होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयदेव- Vijayadeva.: Name of a peripatetic deity resident of Vijaydvar of Jambudvip (island) in east direction. जम्बूद्वीप के पूर्व दिशा के मुख्य द्वार (विजयद्वार) का निवासी व्यंतर देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सदभाव – Sadbhaava. Good or virtous disposition or good feelings. अच्छा भाव, मैत्री, मेलजोल।
उपपादसभा Hall of genesis (origin) . कल्पवासी देवों के चैत्यालय में सुधर्मा सभा के ईशान दिशा में उपपाद सभा है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विचारणा – Vichaaranaa.: Investigation,Consideration,Exploration. ईहा,ऊहा-पोह, मीमांसा,परीक्षण या सोच विचार “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतानंद – Bhutananda. A type of Nagkumar Indras (celestial deities). नागकुमार भवनवासी देवों का एक इंद्र “
उपकार Beneficence, favour, Kindness. भला उपग्रह धर्म द्रव्य गतिरूप से तथा अधर्मद्रव्य स्थिति रूप से जीव और पुद्गल का उपकार करते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]