त्रिदोष!
त्रिदोष Three thorns as obstacle in the path of salvation. तीन शल्य, मिथ्या, माया, निदान जो व्रती से नहीं होना चाहिए। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिदोष Three thorns as obstacle in the path of salvation. तीन शल्य, मिथ्या, माया, निदान जो व्रती से नहीं होना चाहिए। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दर्शन चेतना Consciousness causing apprehension of supreme soul. जिस चेतना में महासत्ता या सामान्य का प्रतिभास हों। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीरत्रिक – Sahreeratrika. A triplet related to body. औदारिक, वैक्रियिक, आहारक शरीर “
द्वीप Island, continent surrounded by sea. मध्यलोक में स्थित समुद्रों से वेष्टित जम्बूद्वीपादि भूखण्डों को द्वीप कहते है। मध्यलोक में असंख्यात द्वीप है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उदयसेन Name of the disciple of ‘Acharya Gunsen-I’. गुणसेन प्रथम के शिष्य तथा नरेन्ट्रसेन के साधर्मी (ई.1098)। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष स्वभाव – Vishesha Svabhava. A particular nature of matters (like conscious-ness & unconsciousness etc.). स्वभाव के दो भेदों में एक भेद; चेतन, अचेतन, मर्त, अमर्त आदि १० स्वभाव द्रव्यों के विशेष स्वभाव हैं “
द्विदल Grains (pulse etc.) having two opposite faces alike are called non-edible when mixed with raw milk & curd (prepared from raw milk) etc. दो दल वाले धान्य आदि को कच्चे दूध या कच्चे दूध से निर्मित दही -छाछ के साथ मिलाने पर वह अभक्ष्य द्विदल कहलाता है। वर्तमान में कुछ लोग गर्म प्रासुक दूध…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सामान्यतो द्रष्ट – Saamaanyato Drashta. General anticipation or apprehension for something. स्वार्थानुमान के तीन भेदों में एक भेद । जो सामान्य रूप से लिंग को देखकर लिंगी का अनुमान किया जाता है वह सामान्यतो दृष्ट है।
द्विचरम देही Deities having two human births (last two life-courses) before getting salvation). जो देव अंतिम दो बार मनुष्य के भव लेकर निश्चित रूप से मोक्ष जाते हैं। वे द्विचरम देही कहलाते हैं।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]